भाजपा सरकार आने के बाद किसानों की समस्यायें हुई गम्भीर : अखिलेश यादव

लखनऊ, समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आराेप लगाया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद किसानों की समस्यायें खत्म होने के बजाय और गंभीर होती चली गई हैं। न तो किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल रहा है और न ही सरकारी खरीद व्यवस्था ईमानदारी से काम कर रही है।
अखिलेश यादव ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि धान खरीद के बाद अब बाजरा खरीद में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। सरकार शत-प्रतिशत खरीद के दावे कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अधिकांश खरीद केंद्र बंद पड़े हैं। किसानों को मंडियों में भटकना पड़ रहा है और मजबूरी में वे अपनी फसल बिचौलियों को औने-पौने दामों पर बेचने को विवश हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बाजरा का समर्थन मूल्य 2775 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि बाजार में किसानों को 1800 से 2000 रुपये प्रति क्विंटल में ही फसल बेचनी पड़ रही है। भाजपा सरकार मोटे अनाज के नाम पर बड़े-बड़े प्रचार अभियान चला रही है, लेकिन उत्पादन बढ़ने के बावजूद खरीद केंद्रों पर बाजरा की खरीद नहीं हो रही है। यही स्थिति पिछले वर्ष भी रही थी, जब किसानों को इसी तरह ठगा गया।
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि इस बार सरकार ने अजीब तर्क देते हुए कई खरीद केंद्र बंद होने के बावजूद लक्ष्य पूरा होने की घोषणा कर दी। किसानों को वापस लौटा दिया गया और उनकी उपज की तौल तक नहीं की गई। हाथरस सहित कई जिलों में किसान कड़ाके की ठंड और कोहरे में रात भर लाइन में खड़े रहे, लेकिन सुबह खरीद केंद्र बंद मिले। कई किसानों की सात दिन तक तौल नहीं हो सकी।
उन्होंने कहा कि किसानों का आरोप है कि रात में ट्रैक्टर-ट्रालियां खड़ी रहती हैं और सुबह बड़े ट्रालों की पहले तौल करा ली जाती है, जिससे खरीद प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों से किए गए अपने किसी भी वादे को पूरा नहीं किया है। अपने ही संकल्प पत्र में किए गए वादों से मुकरकर सरकार ने वादाखिलाफी का नया रिकॉर्ड बनाया है। अब प्रदेश का किसान इस सरकार से छुटकारा पाने को बेचैन है।





