उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाध्ाीश तीरथ सिंह ठाकुर ने आज कहा कि जजांे को इस मुगालते मंे नहीं रहना चाहिए कि केवल वही ईमानदार हंै और बाकी सब बेईमान हंै। न्यायमूर्ति ठाकुर ने मंडी हाउस के फिक्की आॅडोटोरियम मंे मध्यस्थता पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद कहा कि देश की अदालतांे से लंबित मामलांे का बोझ कम करने के लिए मध्यस्थता और सुलह की प्रक्रिया को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
उन्हांेने कहा कि न्यायालय मंे किसी को मध्यस्थ नियुक्त करने से पहले उसकी ईमानदारी और प्रतिबद्ध्ाता को परखा जाना आवश्यक है ताकि मध्यस्थ के फैसलांे मंे कोई कमी नहीं रह जाये। लेकिन इसके साथ ही यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि मध्यस्थ के किसी भी फैसले मंे कोई कमी देखी जाती है तो उसे ईमानदार नजरिए से देखा जाए। इस सम्मेलन मंे ब्रिटेन समेत कई देशांे के मध्यस्थ हिस्सा ले रहे हंै।