नई दिल्ली, मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमले की आज आठवीं बरसी है। 26 नवंबर 2008 की रात का जिक्र होते ही हर हिंदुस्तानी की रूह कांप जाती है, रोगटें खड़े कर देने वाली इस खबर ने देश समेत पूरे विश्व को हिलाकर रख दिया था। ये वो काला दिन था जिस दिन आंखों के सामने लोगों ने अपनों को खोया था। हालांकि नापाक इरादों वाले लोगों को मौत मिली लेकिन तब तक मुंबई शहर खून से लथपथ और लाशों की ढ़ेर से सज चुका था। इस मामले में गिरफ्तार एक मात्र जिंदा आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को फांसी भी मिल चुकी है लेकिन आज भी इस हमले से जुड़े बहुत सारे सवाल हैं जिनका उत्तर भारत के लोग खोज रहे हैं क्योंकि इस मामले का मूल सूत्रधार आतंकवादी हाफिज सईद पड़ोसी देश पाकिस्तान में शान से घूम रहा है। हाफिज के खिलाफ एक भी आवाज ना सुनने वाला पाकिस्तान अपने दोहरे चरित्र के कारण विश्व के निशाने पर है लेकिन फिर भी वो बेखौफ होकर हाफिज सईद जैसे लोगों की पैरवी कर रहा है। मालूम हो जब कसाब को फांसी हुई थी तो पाकिस्तान सरकार ने उसे पाकिस्तानी ना मानते हुए उसके शव को ले जाने से इंकार कर दिया था।
हाफिज सईद: प्राप्त सबूतों के आधार पर ये बात सामने आयी है कि लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद ने ही 26/11 हमले की योजना बनाई थी। सईद ने ही भारत आये 10 आतंकियों को ट्रेनिंग दी थी। भारत ने सईद के खिलाफ कई सबूत पाक को सौंपे, लेकिन पाक की कोर्ट उन सबूतों को मानने को तैयार नहीं। सईद आज भी आजाद है। भारत और अमेरिका ने सईद पर 1 करोड़ डॉलर का ईनाम रखा है। जकी-उर-रहमान लखवी लश्कर का यह ऑपरेशनल कमांडर है, जिसने 26/11 हमले को कोऑर्डिनेट किया था। तहव्वुर हुसैनः राणा तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी आतंकी है, जो कनाडा में रहता था। उसने डेविड हेडली की मुंबई जाने में मदद की थी। इसी व्यक्ति ने उसे धन भी मुहैया कराया था। विड कोलमैन हेडली: इस आतंकी का जन्म पाकिस्तान में हुआ और फिर वह अमेरिका में रहने चला गया। वहीं की नागरिकता भी हासिल कर ली। उसके बाद वो भारत आया और होटल ताज, होटल ओबरॉय, नरीमन हाउस और लियोपोल्ड कैफे गया और वहां की स्थिति को समझने का काम किया। अबु जुंदालः अबु जुंदाल एक मात्र भारतीय है, जो कंट्रोल रूम में उस समय मौजूद था। उसने सभी 10 आतंकियों को हिन्दी सिखाई थी। उन्हें मुंबई में कैसे किससे बात करनी है, यह सिखाया था। यह सउदी अरब में पकड़ा गया था।