ने कहा कि इस बार किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्तिगत रूप से किसी ने भी पुलिस पर पक्षपात का आरोप नहीं लगाया और चुनाव निष्पक्ष रूप से संपन्न हो गया। चुनाव से पहले, चुनाव के समय और चुनाव के बाद गांवों में तनाव का माहौल बना रहता है। इस पर नकेल कसना पुलिस के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा।डीजीपी जगमोहन यादव हाल ही में संपन्न त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पंचायत चुनाव निष्पक्ष रूप से कराना काफी चुनौतीपूर्ण था।
डीजीपी जगमोहन यादव ने कहा कि चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए ड्रोन का प्रयोग भी किया गया। सबसे ज्यादा मदद वीडियो कांफ्रेंसिंग और वीडियो ग्राफी से मिली। इसकी वजह से ही चुनाव में साल 2010 की अपेक्षा कम घटनाएंं हुईं। जिन लोगों को वीडियोग्राफी में अराजकता फैलाते हुए चिन्हित किया गया, उनपर मुकदमे लगाकर उन्हें पाबंद किया गया है। हर जिले की कानून व्यवस्था की बार-बार समीक्षा करके जिले में कानून व्यवस्था के लिहाज से जरूरी सभी कदम उठाए गए।
पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था ए सतीश गणेश ने बताया कि जून महीने में ही डीजीपी के निर्देशानुसार चुनाव प्रकोष्ठ का गठन कर लिया गया था। इसमें एक प्रभारी पुलिस अधीक्षक चुनाव की तैनाती की गई थी। इसके अलावा इसमें उपनिरीक्षक, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल सहित कुल 21 कर्मियों को चुनाव सेल में नियुक्त करके चुनाव प्रकोष्ठ के कार्यों की मानिटरिंग की गई। जिलों में भी चुनाव सेल का गठन करके एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी को नोडल अफसर बनाया गया।