नई दिल्ली, लखनऊ में मेट्रो रेल को आज हरी झंडी दिखाई जायेगी, लेकिन इस समारोह में केंद्र का कोई मंत्री शामिल नहीं हो पायेगा। संसद सत्र चलने की वजह से शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू समारोह में हिस्सा नहीं ले पायेंगे, जबकि लखनऊ के स्थानीय सांसद व केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ को न्यौता ही नहीं भेजा गया है। राज्य सरकार के इस रवैये पर केंद्र ने सख्त नाराजगी जताई है।
राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शहरी विकास मंत्री नायडू को पत्र लिखकर लखनऊ मेट्रो रेल के बारे में सूचना दी है। इसमें पूर्व निर्धारित एक दिसंबर को सुबह 11 बजे आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए कहा गया है। यह पत्र 28 नवंबर को मंत्रालय को प्राप्त हुआ है। शहरी विकास मंत्रालय की ओर से अगले ही दिन यानी 29 नवंबर को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राहुल भटनागर को जवाब लिखा गया है। शहरी विकास सचिव राजीव गाबा ने अपने पत्र में केंद्र की वित्तीय मदद से बनने वाली परियोजनाओं के शिलान्यास या उद्घाटन समारोह में स्थानीय सांसदों की उपस्थिति होनी ही चाहिए। लेकिन राज्य सरकार ने मेट्रो रेल के उद्घाटन समारोह में स्थानीय सांसद राजनाथ सिंह को आमंत्रण नहीं भेजा है। यह उचित नहीं है। जबकि शहरी विकास मंत्री नायडू संसद के शीतकालीन सत्र में व्यस्त हैं। गुरुवार यानी एक दिसंबर को उनके शहरी विकास मंत्रालय का राज्यसभा में प्रश्नकाल है, जिसमे उनका होना आवश्यक होता है। ऐसे में आपसे आग्रह है कि उद्घाटन समारोह की निर्धारित तिथि को स्थगित कर कोई और समय तय करें, ताकि उसमें केंद्रीय मंत्री नायडू शामिल हो सकें।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पत्र में लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के मेट्रो रेल डिपो का लोकार्पण और प्राथमिक सेक्शन में मेट्रो के ट्रायल रन का शुभारंभ करने पर आयोजित समारोह में शामिल होने का आग्रह किया है। बताया जाता है कि राज्य में विधानसभा चुनाव की घोषणा कभी भी हो जाने की आशंका में राज्य सरकार ने आनन-फानन में आधी अधूरी तैयारियों के बीच उद्घाटन करने का फैसला ले लिया है। एक दिसंबर को उद्घाटन के बाद भी मेट्रो रेल पर सवारी करना संभव नहीं हो सकेगा। यह सिर्फ ट्रायल रन ही होगा, जिसे सुचारु रुप से चलने में कम से कम छह महीने का अतिरिक्त समय लग सकता है।