लखनऊ, लखनऊ मेट्रो के मुख्य सलाहकार ई. श्रीधरन (मेट्रो मैन) ने कहा कि लखनऊ मेट्रो दो साल दो महीने में बनकर तैयार हुई है। उन्होंने बताया कि इस समय देश के 12 राज्यों में मेट्रो चल रही है, जिसमें लखनऊ मेट्रो सबसे कम समय में बनकर तैयार हुई और चलना भी शुरू कर दिया है। 26 मार्च से लोग मेट्रो में सफर कर सकेंगे, इसके लिए लोगों को गो स्मार्ट कार्ड फरवरी से मिलने शुरू हो जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि लखनऊ मेट्रो को बनाने में चार हजार मजदूर लगे जिन्होंने 790 दिन में तैयार किया और 2 करोड़ 53 लाख 16 हजार रुपए रोजाना खर्च लगा। मेट्रो मैन ने बताया कि दिल्ली मेट्रो को सरकार ने 10 साल का समय दिया था, लेकिन दिल्ली मेट्रो ने सफर की शुरुआत करने में सात साल लगा दिए।
लखनऊ मेट्रो के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया कि एक जनवरी 2017 से ट्रायल रन ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग के बीच होगा। इसमें कुल आठ स्टेशन होंगे। मेट्रो में कुल 1100 लोग सफर कर सकेंगे। 186 लोगों को बैठने व बाकि के लोग खड़े होकर सफर करेंगे। मेट्रो के एक इंजीनियर ने बताया कि साढ़े 8 किमी. के ट्रैक पर करीब दो हजार करोड़ रुपए खर्च हुए। इसमें करीब 650 करोड़ रुपए सिविल वर्क में खर्च किए गए। इस पूरे सेक्शन में एलएंडटी ने सिविल वर्क किया है। साथ ही रोजाना चार हजार मजदूरों ने 22 महीने मेट्रो पर काम किया।
साढ़े 8 किमी के फेज प्रथम में (ए) 8 स्टेशन हैं। मेट्रो डिपो से चलेगी और सबसे पहले ट्रांसपोर्ट नगर स्टेशन पहुंचेगी। इसके बाद कृष्णा नगर, सिंगारनगर, आलमबाग बस अड्डा, मवैय्या, दुर्गापुरी और चारबाग जैसे स्टेशन हैं। यह पूरा सेक्शन एलिवेटेड है यानी सारे स्टेशन ऊपर होंगे। हर स्टेशन पर करीब 28 करोड़ रुपए की लागत आई है, जबकि इसकी लंबाई 140 मीटर है। हर स्टेशन एक किमी की दूरी पर होगा। वहीं, इन स्टेशनों पर मेट्रो के 6 कोच खड़े किए जा सकते हैं। इन 8 स्टेशनों पर 32 लिफ्ट और 32 एस्केलेटर लगाए जाने हैं। मेट्रो के एक अधिकारी ने बताया कि 26 मार्च से जनता के लिए मेट्रो खोल दी जायेगी। इसलिए गो स्मार्ट कार्ड राजधानी के लोगों को फरवरी से मिलने शुरू हो जाएंगे। यह कार्ड 28 अन्य विभागों की सेवाओं में काम करेंगे।
लखनऊ मेट्रो रेल कॉपोरेशन (एलएमआरसी) ने पहले चरण में एक लाख स्मार्ट कार्ड छपवाने का आर्डर दिया है। कुछ कार्ड दिसम्बर में ही छपकर कर आ जाएंगे। अधिकारी के अनुसार, भविष्य में लखनऊ मेट्रो के कार्ड दिल्ली मेट्रो में भी काम आएंगे। इसके लिए एलएमआरसी दिल्ली मेट्रो के साथ करार करेगा। छप रहे एक लाख स्मार्ट कार्ड कामर्शियल रन शुरू होने से पहले ही शहर में मेट्रो अपना स्मार्ट कार्ड उतार देगा। ताकि शहर के हर जरुरतमंद के हाथ में स्मार्ट कार्ड पहुंच जाए। फिलहाल एलएमआरसी अभी एक लाख स्मार्ट कार्ड छपवा रहा है। इस छापने के लिए एलएमआरसी का कई विदेशी कम्पनियों के साथ करार हुआ है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जुलाई में कार्ड की डिजाइन खुद देखी। उनकी मंजूरी के बाद इसे छापने का आर्डर हुआ। एलएमआरसी के अधिकारी ने बताया कि फरवरी से हर हाल में स्मार्ट कार्ड मिलने शुरू हो जाएंगे। मेट्रो का गो स्मार्ट कार्ड लोगों को बहुत आसानी से मिलेगा। इसके लिए उन्हें आईडी देनी होगी। मेट्रो के स्टेशनों के अलावा शहर में कई और सेन्टर भी बनाए जाएंगे जहां से लोग गो स्मार्ट कार्ड खरीद सकेंगे। उन्होंने बताया कि स्मार्ट कार्ड से मेट्रो में सफर कर सकेंगे,सिटी बसों व परिवहन निगम की बसों में भी यात्रा की सुविधा होगी। नगर निगम का हाउस टैक्स चुका सकेंगे,बिजली के बिल के भुगतान की सुविधा,सीवर व वाटर टैक्स जमा करने की सुविधा एलडीए, नगर निगम की पार्किंग में वाहन खड़े करने की सुविधा के साथ ही भविष्य में डीएमआरसी में भी काम करेंगे। इस कार्ड का पेट्रोल पम्पों से पेट्रोल व डीजल भराने में भी इस्तेमाल कर सकेंगे।