यूपी में वीरेंद्र सिंह का शपथ ग्रहण अभी टल गया है। वकील सच्चिदानंद उर्फ सच्चे गुप्ता की याचिका पर शनिवार शाम सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है। इस पर अगली सुनवाई चार जनवरी 2016 को होगी। इसके साथ ही लखनऊ राजभवन में शपथ ग्रहण की तैयारियां रोक दी गई हैैं। वीरेंद्र सिंह को कल यानी 20 दिसंबर को शपथ लेना था।
पीआईएल दाखिल करने वाले वकील सच्चिदानंद उर्फ सच्चे गुप्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों ने सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया। गलत जानकारी देकर वीरेंद्र सिंह को लोकायुक्त बनवाया गया। मीडिया में आई खबरों को आधार बनाकर मैंने पीआईएल दाखिल की थी।”
सुप्रीम कोर्ट ने लोकायुक्त का अपॉइंटमेंट कॉन्सटिट्यूशन के आर्टिकल 142 के मुताबिक किया है। इसके तहत अगर किसी राज्य में किसी खास मु्द्दे या अपॉइंटमेंट पर सिलेक्शन कमिटी के मेंबरों में एक राय नहीं बनती है, तो अपने स्पेशल राइट का इस्तेमाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट उस मुद्दे पर फैसला कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से लिया गया ऐसा कोई भी फैसला संसद में पास किसी कानून की तरह ही माना जाएगा।
लोकायुक्त अपॉइंटमेंट प्रॉसेस लंबे वक्त से विवादों में रहा। सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्धारित वक्त के बावजूद नए लोकायुक्त का अपॉइंटमेंट नहीं हो पाया था। सरकार ने लोकायुक्त के लिए रिटायर्ड जस्टिस रवींद्र सिंह के नाम को लेकर जबरदस्त पैरवी की, लेकिन हर बार गवर्नर हाउस से मामला उलझा रहा। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने भी जस्टिस रवींद्र सिंह के नाम पर एतराज जताया था। गवर्नर ने एक-दो बार नहीं, बल्कि चार बार जस्टिस रवींद्र सिंह के नाम की फाइल को लौटाया। इसके बाद बीते 27 अगस्त को असेंबली में सरकार ने लोकायुक्त चयन से जुड़े नियम में बदलाव का बिल पास करा लिया। संशोधन के जरिए सिलेक्शन कमिटी से चीफ जस्टिस को ही बाहर कर दिया गया।