जेनेवा, सेप ब्लाटर को फीफा द्वारा लगाए गए 6 साल के प्रतिबंध के खिलाफ अपील करने के मामले में झटका लगा है। ब्लाटर ने इस प्रतिबंध के खिलाफ खेल की मध्यस्थता की अदालत में अपील की थी। अदालत ने उनकी अपील ठुकरा दी है। ब्लाटर ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि फैसले को स्वीकार करना मुश्किल है, पर जिस तरह से यह केस आगे बढ़ा, किसी और फैसले की उम्मीद की भी नहीं जा सकती थी। इस फैसले के साथ ही ब्लाटर की फीफा का मानद अध्यक्ष बनने की उम्मीद पूरी तरह खत्म हो गई है। साल 2011 में माइकल प्लातिनी को 2 मिलियन डॉलर का भुगतान मंजूर करने वाले फीफा के पूर्व अध्यक्ष सेप ब्लाटर ने कहा है कि वह फैसला स्वीकार करेंगे।
ब्लाटर ने कहा, मैंने फीफा में बिताए 41 सालों में काफी कुछ सीखा है। मैंने सीखा है कि खेल में आप जीत भी सकते हैं, पर आप हार भी सकते हैं। ब्लाटर मध्यस्थता अदालत के इस फैसले के खिलाफ स्विट्जरलैंट के सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते थे जिससे फैसले पर रोक लग सकती थी। फिर भी, उनकी कानूनी मुश्किलें खत्म नहीं हुई हैं। शीर्ष अधिकारियों के कॉन्ट्रेक्ट संबंधी रिश्वत के मामले में ब्लाटर के खिलाफ फीफा नीतिगत जांच अलग से चल रही है। फीफा की अदालत ने प्लातिनी और ब्लाटर को हितों के टकराव का दोषी पाया था। अदालत ने दोनों पर 8 साल का प्रतिबंध लगाया था, जिसे बाद में घटाकर 6 साल कर दिया गया था।