लखनऊ, जूनियर हाकी विश्व कप के मैच दो हाफ के प्रारूप में कराने के अंतरराष्ट्रीय हाकी महासंघ के फैसले से अधिकांश कोच खफा है जिनका मानना है कि जूनियर खिलाडियों के विकास के लिये सीनियर और जूनियर स्तर पर प्रारूप में एकरूपता होनी चाहिये। अंतरराष्ट्रीय हाकी टूर्नामेंट अब 15-15 मिनट के चार क्वार्टर में खेले जाते हैं। अधिकांश कोचों का मानना है कि खिलाड़ी के जूनियर से सीनियर स्तर में बदलाव के लिये एकरूपता जरूरी है।
भारत के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह ने कहा, यदि आप मेरी निजी राय पूछें तो मैं 15-15 मिनट के क्वार्टर प्रारूप के पक्ष में हूं क्योंकि मेरा मानना है कि जूनियर और सीनियर स्तर पर एकरूपता रहनी चाहिये। ये जूनियर खिलाड़ी सीनियर स्तर पर खेलेंगे और यह बदलाव उनके लिये आसान होना चाहिये। जर्मनी के कोच वालेंटिन अल्टेनबर्ग ने कहा, दोनों प्रारूपों के फायदे और नुकसान है लेकिन मेरा मानना है कि निरंतरता होनी चाहिये। मैं एफआईएच से कहूंगा कि इसमें निरंतरता होनी चाहिये ताकि युवा खिलाडियों को जूनियर से सीनियर स्तर पर जाने में आसानी हो। इंग्लैंड के कोच जान ब्लेबी ने कहा, मुझे चार क्वार्टर वाला प्रारूप पसंद है क्योंकि यह तेज रफ्तार और रोमांचक है। अलग अलग प्रारूप अपनाना खेल के लिये अच्छा नहीं है।