कानपुर, सत्ता का खौफ कहें या रेलवे की दरियादिली कुछ भी हो जिस रेलवे ग्राउंड को तीन साल पहले नरेन्द्र मोदी को नहीं दिया गया, अब वही मैदान उनके पीएम बनने पर स्वागत के लिए बाहें फैलाए हुए आतुर है।
शहर के सबसे बड़े रेलवे ग्राउंड निराला नगर में 19 अक्टूबर 2013 को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री व भाजपा के पीएम उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की रैली होनी थी लेकिन रेलवे ने इसके लिए अनुमति नहीं दी थी। पार्टी पदाधिकारियों ने इसके लिए रेलवे अधिकारियों से खूब गुजारिश की फिर भी रेलवे अपने फैसले पर अडिग रहा। थक हारकर पार्टी ने मोदी की रैली कल्याणपुर के इन्द्रा पार्क में कराई और इसी रैली से मोदी ने लोकसभा चुनाव का शंखनाद किया जो केन्द्र की सत्ता पर काबिज होने के पहले नहीं रूक सका। पीएम बनने के बाद पहली बार मोदी यूपी परिवर्तन रैली की हुंकार भरने के लिए कानपुर आ रहे हैं।
पार्टी पदाधिकारियों ने एक बार फिर उसी रेलवे ग्राउंड का चयन किया जिसको रेलवे ने तत्काल अनुमति दे दी। रेलवे के इस फैसले से जहां पार्टी पदाधिकारियों में खुशी है तो वहीं इस बात का गम भी है कि तीन साल पहले हमारे अनुरोध को स्वीकार नहीं किया गया। जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र मैथानी ने बताया कि हम रेलवे के शुक्रगुजार हैं कि पीएम की रैली के लिए मैदान की अनुमति दे दी लेकिन यह गलत है कि विपक्ष के नेताओं को अनुमति न दी जाय। इस पर जब रेलवे के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो कुछ बोलने को तैयार नहीं है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि सत्ता के खौफ के चलते रेलवे ने पीएम की रैली के लिए मैदान की अनुमति दी है। पांच लाख से अधिक की क्षमता पार्टी विधायक सतीश महाना ने बताया कि निराला नगर का मैदान क्षेत्रफल की दृष्टि से बहुत बड़ा है और यह कानपुर का सबसे बड़ा मैदान है। पीएम की रैली में पांच लाख से अधिक लोगों के आने की संभावना है जिसको देखते हुए यह मैदान उचित है। इसके चारों तरफ चौड़ी सड़कें हैं, नेशनल हाइवे भी नजदीक है किसी भी दिशा से इस मैदान में आसानी से जाया जा सकता है। इस मैदान में रैली होने से जाम की समस्या नहीं होगी।