नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने बुलंदशहर सामूहिक बलात्कार मामले से जुड़ी अपनी टिप्पणियों के लिए सुप्रीम कोर्ट में बिना शर्त माफी मांग ली है। सुप्रीम कोर्ट ने आजम का बिना शर्त माफीनामा मंजूर कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने खान के हलफनामे को स्वीकार करते हुए कहा कि उन्होंने ईमानदारी और दिल से गहरा दुख जाहिर किया है।
आजम ने माफीनामे में कहा है कि वह अपने बयानों के लिए गंभीरता से और दिल से खेद व्यक्त करते हैं। कोर्ट ने कहा- आजम पर मामला नहीं चलेगा, लेकिन दूसरे मामले की सुनवाई चलती रहेगी। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान के हलफनामे को मंजूर करने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने आजम खान को दोबारा बिना शर्त माफीनामे का हलफनामा दाखिल करने को कहा था। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि रेप जैसे अपराधों पर नेताओं का गैर-जिम्मेदाराना तरीके से बयानबाजी करना ठीक नहीं है। बता दें पीड़िता के पिता ने आजम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
कैबिनेट मंत्री आजम खान ने बुलंदशहर गैंगरेप की घटना राजनीतिक साजिश करार दिया था। उन्होंने कहा था कि यूपी में सत्ता पाने के लिए बेचौन विपक्षी दल सरकार को बदनाम करने के लिए किसी हद तक गिर सकते हैं। गौरतलब है कि 17 नवंबर को हुई सुनवाई के दौरान आजम खान की ओर से दाखिल किए गए माफीनामे के ड्राफ्ट हलफनामे पर केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सवाल उठाया था। रोहतगी ने कहा था कि आजम खान द्वारा दाखिल माफीनामे के ड्राफ्ट हलफनामे की भाषाशैली ठीक नहीं है। उन्होंने कहा था कि आजम ने बिना शर्त माफी मांगने की बात कही थी, लेकिन इस ड्राफ्ट हलफनामे में उन्होंने ऐसे शब्दों का प्रयोग किया है जो बिना शर्त माफी नहीं लग रही।