वाराणसी – मैगसेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे को बीएचयू से बर्खास्त कर दिया गया है. आईआईटी बीएचयू में संदीप पांडे विजिटिंग प्रोफेसर थे . राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के आरोप में संदीप पर कार्रवाई की गई है. उन्हें नक्सल समर्थक करार देकर आईआईटी बीएचयू में अध्यापन से मुक्त किये जाने की खबर है. पिछले ढाई साल से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के आईआईटी में गेस्ट फैकल्टी के तौर पर पढ़ा रहे संदीप पांडेय को ‘राष्ट्र विरोधी’ बताते हुए आगे पढ़ाने से मना कर दिया गया है.बीएचयू प्रशासन ने पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है. कितु डॉ. संदीप पांडे ने बर्खास्तगी की पुष्टि की है.पांडेय ने बताया कि उन्हें अकादमिक कारणों से नहीं बल्कि ‘राष्ट्र विरोधी’ गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर फैकल्टी से हटाया गया है. वह पिछले ढाई साल से बीएचयू की आईआईटी फैकल्टी में केमिकल इंजीनियरिंग पढ़ा रहे थे.
संदीप पांडेय को हालांकि अभी तक फैकल्टी से हटाए जाने का आधिकारिक पत्र नहीं मिला है. इस बारे में पांडेय बताते हैं, ‘हम पत्र का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन मैं जिन विषयों को पढ़ाता था वह मुझसे वापस ले लिया गया है. मैं पढ़ा नहीं रहा हूं और मुझे वहां से निकालने का फैसला किया जा चुका है.’
मैं जिन विषयों को पढ़ाता था वह मुझसे वापस ले लिया गया है, फिलहाल मैं पढ़ा नहीं रहा हूं
उन्होंने कहा कि बीएचयू के बोर्ड ऑफ गवर्नर ने ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधियों’ में शामिल रहने की वजह से मुझे फैकल्टी से बाहर निकालने का फैसला किया है, वो मेरी अकादमिक योग्यता के कारण नहीं बल्कि मेरी विचारधारा के आधार पर फैसला ले रहे हैं.
शिक्षा के क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रहे पांडेय की पहचान एक गांधीवादी विचारक की है और वे प्रतिष्ठित मैगसेसे पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं.