असहिष्णुता पर टिप्पणी करना अभिनेता आमिर खान को भारी पड़ गया. बालीवुड अभिनेता आमिर खान अब सरकार के ‘अतुल्य भारत’ अभियान में नजर नहीं आएंगे। केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि आमिर का अनुबंध समाप्त हो चुका है। यह बात खास तौर पर पूछे जाने पर कि क्या आमिर अभी तक पर्यटन मंत्रालय के ब्रांड एम्बेसडर हैं, मंत्री ने कहा, ‘निश्चित तौर पर नहीं। ‘अतिथि देवो भव अभियान अतुल्य भारत अभियान का अंग है जिसे यूपीए शासनकाल में शुरू किया गया था।
इससे पहले मंत्रालय ने इस मुद्दे पर एक आरटीआई प्रश्न पर सरकार के जवाब में बाद कुछ खबरों को लेकर एक अस्पष्ट बयान दिया था। मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, ‘आमिर खान को लेकर मीडिया में आयी कुछ खबरों पर पर्यटन मंत्रालय यह साफ करना चाहता है कि इस मामले में मंत्रालय के रुख में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।’ बयान के अनुसार ‘मंत्रालय यह भी स्पष्ट करना चाहता है कि फिलहाल उसका क्रिएटिव एजेंसी मैक्केन वर्ल्डवाइड के साथ समाजिक जागरूकता अभियान बनाने के लिए अनुबंधात्मक है और इस अभियान में आमिर खान हैं।’
मैक्केन वर्ल्डवाइड एजेंसी के प्रमुख प्रसून जोशी ने कहा, ‘मैक्केन का सामाजिक जागरूकता अभियान अतिथि देवो भव के साथ अनुबंधात्मक करार था। आमिर खान ने इसके लिए उदारतापूर्वक योगदान दिया था। हमने मंत्रालय को अभियान सौंप दिया।’ बता दें कि 2010-11 से आमिर खान इस मुहिम से जुड़े हुए हैं और वे इस कैंपेन के लिए सरकार से कोई पैसा भी नहीं लेते थे। कहा जाता है कि सामाजिक जिम्मेदारियों के चलते आमिर खान ऐसा करते रहे हैं।
आमिर खान उस वक्त विवादों में घिर गए थे, जब उन्होंने भारत में कथित तौर पर असहिष्णुता बढ़ने की बात कही थी। आमिर ने आठवें रामनाथ गोयनका अवॉर्ड्स कार्यक्रम में कहा था ‘पिछले 6-8 महीने से असुरक्षा और डर की भावना समाज में बढ़ी है। यहां तक कि मेरा परिवार भी ऐसा ही महसूस कर रहा है। मैं और मेरी पत्नी किरण ने पूरी जिंदगी भारत में जी है, लेकिन पहली बार उन्होंने मुझसे देश छोड़ने की बात कही। उन्हें अपने बच्चे के लिए डर लगता है। उन्हें इस बात का भी डर है कि आने वाले समय में हमारे आसपास का माहौल कैसा होगा? वह जब अखबार खोलती हैं तो उन्हें डर लगता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अशांति बढ़ी है।’ आमिर अपने बयान के बाद कई लोगों और संगठनों के निशाने पर आ गए थे।