नई दिल्ली, यूरोपीय लीग में खेलने वाले पहले भारतीय गुरप्रीत सिंह संधू ने आज कहा कि वह अगले साल यूरोपियन क्लब फुटबाल में शीर्ष स्तर पर खेलने की संभावनाएं तलाशेंगे। एआईएफएफ की विकास टीम के साथ शुरूआत करने के बाद 24 वर्षीय गुरप्रीत यूरोप की शीर्ष टियर की टीम के साथ प्रतिस्पर्धी मैच खेलने वाले पहले भारतीय बने। उन्होंने यह मैच नार्वे की टीम स्टाबीक एफसी की तरफ से खेला।
संधू ने कहा, मेरा अभी नार्वे में एक और सत्र बचा हुआ है लेकिन निजी तौर पर मैं यूरोप में बड़े स्तर, बड़े क्लबों में मौके तलाशने की कोशिश करूंगा। पिछले सत्र में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद पंजाब के इस फुटबालर को चोटिल होने के कारण बाहर होना पड़ा। अनुबंध के हिसाब से अभी उन्हें स्टाबीक के साथ एक और सत्र बिताना है। उन्होंने कहा, चोट गलत समय पर लगी। कुल मिलाकर यह घटनाप्रधान वर्ष रहा लेकिन चोट के कारण झटका लगा।
गुरप्रीत को लगता है कि देश को अंतरराष्ट्रीय फुटबाल में अपनी स्थिति में सुधार करने के लिये अपने उदीयमान खिलाड़ियों को यूरोपीय देशों में खेलने के लिये भेजना चाहिए। उन्होंने कहा, हमें अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों, युवा खिलाड़ियों को यूरोप या भारत से बाहर कहीं भी अभ्यास के लिये भेजना चाहिए जहां हमें अच्छी सुविधाएं और बेहतर कोचिंग मिल सकती है। गुरप्रीत ने कहा, जब तक भारत में चीजों में सुधार नहीं होता तब तक युवा खिलाड़ियों को बाहर भेजना चाहिए क्योंकि जब वे वापसी करेंगे तो वे हमारी राष्ट्रीय टीम को मदद पहुंचाएंगे। हमारी टीम बेहतर बनेगी और भारतीय फुटबाल को इससे फायदा होगा। भारत में खिलाड़ियों को तैयार करना आसान नहीं है। इसमें अभी समय लगेगा।