नई दिल्ली, ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अमेजॉन अपने व्यापक यूजर आधार का लाभ उठाते हुए भारत के ऑनलाइन ग्राहक-से-ग्राहक के बीच बिक्री के क्षेत्र में अपनी जगह बनाने की संभावना तलाश रही है। अभी इस क्षेत्र में ओएलएक्स और क्विकर जैसी कंपनियों का दबदबा है। कंपनी ने ग्राहक-से-ग्राहक के बीच बिक्री प्लेटफॉर्म जंगली का अपने मार्कीटप्लेस के साथ एकीकृत किया है, जिस पर लोगों को नए और इस्तेमाल किए गए वस्तुओं को ऑनलाइन बेचने की अनुमति होगी। अमेजॉन ने इस सेवा को फिलहाल बेंगलूरु में शुरू किया है और अपने यूजर के बीच सेल ऐज इंडीविजुअल सेवा के तौर पर इसका प्रचार-प्रसार कर रही है।
कंपनी ऑर्डर की आपूर्ति पर विक्रेता से वसूलेगी शुल्क: अमेजॉन ने जंगली की सेवा को प्रायोगिक तौर पर अगस्त में बेंगलूरु में शुरू किया था और यूजर से वादा किया था कि वस्तुओं को लेने, उसकी पैकेजिंग, आपूर्ति और भुगतान में सुगमता मुहैया कराएगी। कंपनी 1,000 रुपए से नीचे के ऑर्डर के लिए 10 रुपए शुल्क लेगी और 1,000 से 5,000 रुपए तक के ऑर्डर पर 50 रुपए बतौर शुल्क वसूलेगी जबकि 5,000 रुपए से अधिक के ऑर्डर पर 100 रुपए शुल्क लिया जाएगा। ज्यादा संख्या में ग्राहक होंगे आकर्षित: ग्राहकों से ग्राहकों के बीच बिक्री के क्षेत्र में आने से अमेजॉन के ग्राहकों को नए और पुराने दोनों तरह के उत्पादों की बिक्री का विकल्प मिलेगा, वहीं विक्रेता को कंपनी के व्यापक उपभोक्ता आधार का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही पुराने उत्पादों की बिक्री की सुविधा होने से अमेजॉन पर ज्यादा संख्या में यूजर आकर्षित होंगे, जिससे कंपनी के ग्राहकों का आधार भी बढ़ेगा।
अमेजॉन को उम्मीद है कि इस तरह से वह प्रतिस्पर्धी कंपनी फ्लिपकार्ट के 10 करोड़ यूजर के आंकड़े को छू सकती है। इस बारे में जानकारी के लिए अमेजॉन के प्रवक्ता से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।अपने मौजूदा लॉजिस्टिक्स की बदौलत अमेजॉन शहर के अंदर ही ग्राहकों को उत्पाद बेचने में सक्षम बनाएगी। हालांकि कंपनी ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह कितनी तेजी से ऑर्डर की आपूर्ति करेगी लेकिन पहले कहा था कि खरीदार अगर उत्पाद से संतुुष्ट नहीं हों तो जंगली के प्लेटफॉर्म पर सात दिनों के अंदर उसे लौटा सकते हैं।
पुराने या नए उत्पादों को ऑनलाइन बेच सकेंगे कंपनी की वेबसाइट पर कहा गया है, अमेजॉन पर आप मोबाइल, किताबें, फैशन के आभूषण, टैबलेट, घडि़यां, लैपटॉप और वीडियो गेम जैसी विभिन्न श्रेणियों में अपने पुराने या नए उत्पादों को ऑनलाइन बिक्री के लिए पोस्ट कर सकते हैं। यह सेवा फिलहाल बेंगलूरु में ही उपलब्ध है। अमेजॉन की प्रतिस्पर्धी फ्लिपकार्ट ने अभी ग्राहक से ग्राहक के बीच बिक्री के क्षेत्र में कदम नहीं रखा है। डिजिटल क्लासीफाइड उद्योग के बढ़ने के आसार: हालांकि इसकी बड़ी निवेशक नेस्पर्स का भारत में इस ओएलएक्स के जरिए इस क्षेत्र में अच्छा खासा दखल है। स्नैपडील के पास भी शॉपो के नाम से एक इसी तरह का प्लेटफॉर्म है।
दूसरी ओर क्विकर खास क्षेत्रों जैसे मकान, कार और नौकरियों पर ध्यान दे रही है, वहीं क्विकर एनएक्सटी सेवा के जरिए वह अमेजॉन की तरह संपूर्ण सेवा प्रदान करती है। गूगल और केपीएमजी के सितंबर में किए गए संयुक्त अध्ययन के मुताबिक भारत में डिजिटल क्लासीफाइड उद्योग के 2020 तक तिगुना बढ़कर 1.2 अरब डॉलर (7,900 करोड़ रुपए) तक पहुंचने का अनुमान है। गूगल का कहना है कि साइटों पर तलाशने के रुझान से पता चलता है कि पुणे, अहमदाबाद, चंडीगढ़, कोच्चि, कोयंबत्तूर, इंदौर और जयपुर जैसे गैर-महागनरों में ई-सेवाओं, रियल एस्टेट और वाहनों के लिए स्थानीय सर्च में चार गुना इजाफा देखा गया।