विपक्षी दल पहुंचा चुनाव आयोग, एक फरवरी को बजट रोकने की मांग
January 5, 2017
नई दिल्ली, विपक्षी दलों ने चुनाव पूर्व बजट पेश करने की मोदी सरकार की योजना का विरोध किया है। उनका आरोप है कि इसके माध्यम से लोक लुभावनी घोषणाएं करके भाजपा मतदाताओं को लुभा सकती है। कांग्रेस, बसपा, जदयू, राजद, सपा समेत विपक्षी दल गुरुवार 11 बजे चुनाव अयोग के दफ्तर पहुंचे और इस पर रोक लगाने की मांग की। इस बीच चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा था कि एक फरवरी को बजट पेश करने की योजना के खिलाफ राजनीतिक दलों के दिए गए एक आवेदन की वह जांच करेगा। इस बीच वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इस कदम का बचाव करते हुए सवाल किया कि अगर राजनीतिक दल दावा करते हैं कि नोटबंदी एक अलोकप्रिय फैसला है तो उन्हें बजट से डर क्यों होना चाहिए। विपक्षी दलों के अलावा भाजपा की सहयोगी शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने आज राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से अपील की कि वह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों से पहले बजट पेश करने की इजाजत नहीं दें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बजट का इस्तेमाल वोटरों को लुभाने के लिए कर सकती है। सभी राजनीतिक दलों का दावा है कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में वह बेहतर प्रदर्शन करेंगे। कांग्रेस, वाम, सपा और बसपा सहित विभिन्न दलों ने चुनाव आयोग को और राष्ट्रपति को पत्र लिख कर चुनाव से पहले बजट पेश किए जाने का विरोध किया है। इन दलों का कहना है कि चुनाव से ठीक पहले बजट पेश करने से भाजपा और उसके सहयोगियों को अनावश्यक तरीके से लाभ होगा क्योंकि केंद्र सरकार मतदाताओं को लुभाने के लिए आकर्षक घोषणाएं कर सकती है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मुख्य निवार्चन आयुक्त नसीम जैदी को लिखे एक पत्र में कहा है यह विपक्षी दलों की सामूहिक एवं गंभीर चिंता है कि एक फरवरी को बजट पेश किए जाने से सरकार को मतदाताओं को लुभाने के लिए लोकप्रिय घोषणाएं करने का अवसर मिल जाएगा। आजाद ने कहा इससे न केवल सत्तारूढ़ दल को अनावश्यक लाभ मिलेगा बल्कि इससे स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया भी कमजोर होगी। इसलिए यह मांग है कि आगामी चुनाव को देखते हुए और वर्ष 2012 के उदाहरण के अनुसार, बजट को पहले पेश करने की अनुमति न दी जाए। संवाददाताओं के पूछने पर आजाद ने कहा आयोग को कुछ राजनीतिक दलों की ओर से अभ्यावेदन मिले हैं जो कि बजट पेश करने से संबंधित हैं। आयोग उन पर गौर कर रहा है।