नई दिल्ली, जवानों को खराब क्वॉलिटी का खाना परोसे जाने की शिकायत करने वाले बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव और अधिकारियों पर जूते साफ करवाने का आरोप लगाने वाले सेना के जवान लांस नायक यज्ञ प्रताप सिंह के लिए न्याय की मांग में अब उनकी पत्नियां सामने आ गई हैं। एक तरफ जहां यज्ञ प्रताप सिंह की पत्नी ने कहा है कि उनके पति का मोबाइल जब्त कर लिया गया है और वह भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं वहीं तेज प्रताप की पत्नी ने मांग की है कि उनके पति से जुड़े पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए। भूख हड़ताल पर बैठे यज्ञ प्रताप सिंह: यज्ञ प्रताप सिंह की पत्नी ऋचा ने एक चैनल से बातचीत में कहा, वह भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। जब उनसे मेरी बात हुई तो वह रो रहे थे। वह कह रहे थे कि मुझे चाहे कुछ भी हो जाए, न्याय मिलनी चाहिए। मेरे पति का मोबाइल जब्त कर लिया गया है। वह दूसरे के फोन से बात कर रहे थे और कह रहे थे कि अब पता नहीं कब बात हो पाए। उस मोबाइल में सारे सबूत मौजूद हैं। अगर वह मोबाइल नहीं मिला तो मैं कैसे प्रूफ दूंगी। भूख हड़ताल के दौरान अगर मेरे पति बीमार हो जाएं या फिर उन्हें कुछ हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी सरकार और अधिकारियों की होगी। सीबीआई जांच की मांगः उधर, सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए विडियो से इस सारी बहस की शुरुआत करने वाले बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव की पत्नी शर्मिला यादव ने कहा है कि उनके पति ने जवानों को खराब खाना परोसे जाने संबंधी जो आरोप लगाए हैं और इसके बाद उन पर जो कार्रवाई की गई है, उन सभी की सीबीआई जांच हो। शर्मिला ने कहा, बीएसएफ ने इस मामले में जो जांच की है वह पूरी तरह गलत है। इस बारे में जांच सीबीआई या दूसरी एजेंसी से कराई जाए। साथ ही शर्मिला ने आरोप लगाया कि उनके पति को सामने नहीं आने दिया जा रहा है। शर्मिला ने कहा, दो दिन से मेरे पति से मेरी बात नहीं हो पा रही है। उन्हें कहां छुपा कर रखा गया है, उन्हें सामने लाया जाए। उनकी बात मीडिया से कराई जाए, वह सबकुछ बता देंगे। यज्ञ प्रताप ने लगाए थे ये आरोप: देहरादून के 42 इन्फेन्ट्री ब्रिगेड में तैनात लांस नायक यज्ञ प्रताप सिंह ने एक विडियो जारी कर आरोप लगाया था कि सेना के अधिकारी जवानों से जूते साफ करवाते हैं और उनसे सहायक के तौर पर दूसरे काम करवाते हैं। उन्होंने कहा था कि उन्होंने जून में पीएम, रक्षा मंत्री, राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट को इस बारे में लिखा था। यज्ञ प्रताप सिंह ने आरोप लगाया था कि मामले की जांच के बजाए अधिकारियों ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया था। इसके अलावा, उनके खिलाफ ही जांच शुरू कर दी, जिसके तहत उनका कोर्ट मार्शल भी हो सकता है।