नेपाल की संसद ने देश के नए संविधान में दो संशोधन करने को ले कर प्रस्ताव पारित कर दिए हैं. इससे सरकार मधेसियों और सरकार के बीच जारी गतिरोध दूर हो सकता है. मधेशी राजनीति में भागीदारी की मांग को लेकर महीनों से आंदोलन कर रहे हैं. इन संशोधनों का मक़सद सरकारी संस्थाओं में मधेशी समुदाय के लोगों को अधिक भागीदारी के हक देना है.नेपाल के निचले हिस्से यानी तराई में रहने वाले मधेसियों की आबादी नेपाल की कुल आबादी की 52 फ़ीसदी है.
संविधान संशोधन को ले कर हुए मतदान से पहले संसद में मधेशी समुदाय के मंत्री यह कह कर संसद से बाहर चले गऐ कि बिल में कुछ कमियां हैं.पिछले चार महीनों से नेपाल की तराई में भारत के साथ सटे नेपाल की सीमा पर अल्पसंख्यक प्रदर्शन कर रहे हैं जिससे देश के अंदर ज़रूरी चीज़ों की कमी हो गई है.