नई दिल्ली, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने धनाढ्यों पर 10 प्रतिशत अधिभार लगाने का बचाव करते हुए कहा है कि ऐसे समाज में जो मोटे तौर पर कर नहीं देता वहां संसाधन अधिक सक्षम लोगों से अधिक आना चाहिए। शुक्रवार को कर आंकड़ों का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि वेतनभोगी श्रेणी के अलावा केवल 20 लाख लोग हैं जो कि स्वेच्छा से अपनी आय पांच लाख रुपये से अधिक घोषित करते हैं।
उन्होंने यहां उद्योग मंडलों के साथ बैठक में कहा, कर अनुपालन नहीं करने वाले समाज में, सरकार को संसाधन चाहिए और जहां तक कर ढांचे का सवाल है तो ये संसाधन अधिक सक्षम लोगों से आएंगे। इसके पीछे एक सामाजिक समानता की भी बात है। उल्लेखनीय है कि जेटली ने बजट 2017-18 में 50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये की सालना आय वाले व्यक्तियों पर 10 प्रतिशत अधिभार लगाने की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने एक करोड़ रुपये सालाना आय वालों पर 15 प्रतिशत अधिभार को बरकरार रखा है।