लखनऊ/नोएडा, नोएडा स्थित एक कंपनी द्वारा सोशल मीडिया के जरिए लाखों निवेशकों के साथ 3700 करोड़ रुपए के कथित घोटाले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन मामला दर्ज करते हुए रविवार को उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में छापे मारे। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने नोएडा, गाजियाबाद और कानपुर में कंपनी के मालिकों तथा अन्य के व्यापारिक और रिहायशी परिसरों पर छापे मारे। उन्होंने बताया कि आरोपियों की करोड़ों रुपए की संपत्ति के बारे में ठोस दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के जोनल कार्यालय ने यहां धनशोधन निवारण कानून के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया है। यह मामला उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की प्राथमिकी पर आधारित है। एसटीएफ ने इस कथित घोटाले का पर्दाफाश किया था। जांच एजेंसी ने बताया कि आरोपियों ने 6.5 लाख लोगों से कथित तौर पर 3700 करोड़ रुपए की ठगी की। यह राशि पश्चिम बंगाल तथा असम के बहुचर्चित सारदा चिटफंड घोटाले से भी बड़ी है। एसटीएफ ने इस मामले में दो फरवरी को कंपनी के मालिक अनुभव मित्तल, उसके सीईओ श्रीधर और तकनीकी प्रमुख महेश को गिरफ्तार किया था। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी जल्दी ही आरोपियों की संपत्ति जब्त करने के लिए कदम उठाएगी ताकि उन निवेशकों के हितों की रक्षा की जा सके जो कथित तौर पर ठगी के शिकार हुए हैं। उधर, उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने रविवार को आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय के साथ इस मामले में डेटा साझा किया। इस घोटाले की साजिश छह लाख से अधिक निवेशकों से फर्जी सोशल मीडिया लाइक करवाकर रची गई। उप्र पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) की ईमेल आईडी पर 4500 से अधिक शिकायतें आई हैं। एसटीएफ ने 3700 करोड़ रूपये के आनलाइन धोखाधड़ी घोटाले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। यूपी एसटीएफ एएसपी अमित पाठक ने बताया कि एक टीम ने आयकर अधिकारियों से मुलाकात की और नोएडा स्थित कंपनी से एकत्रित डेटा साझा किया तथा संयुक्त रूप से डेटा का विश्लेषण भी किया। यह फैसला किया गया कि अगर जरूरत पड़ी तो यूपी एसटीएफ आयकर विभाग के अधिकारियों के साथ संयुक्त छापेमारी करेगी।