नई दिल्ली, केन्द्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने तीन तलाक के मुद्दे पर कहा कि यह समाज में मुस्लिम महिलाओं को समान अधिकार दिलाने से जुड़ा मुद्दा है और इसका चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है। गौरतलब है कि विधिमंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि सरकार, विधानसभा चुनावों के बाद तीन तलाक पर पाबंदी लगाने का महत्वपूर्ण फैसला कर सकती है। नायडू ने कहा कि राजनीतिक दलों को उनके इस बयान को चुनावों से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। संसद से बाहर संवाददाताओं से बातचीत में नायडू ने कहा कि विधि आयोग इस बारे में सभी पक्षों पर विचार कर रहा है। यह जाति, सम्प्रदाय, समान अधिकारों, लिंग, क्षेत्र और धर्म के भेदभाव से हटकर सबके लिए बराबर अधिकारों का मामला है, यह मानवाधिकारों का मामला है। उन्होंने कहा, हम भारत को एक मानते हैं और वास्तविकता भी यही है। ऐसी स्थिति में भेदभाव होना ही नहीं चाहिए। किसी को प्रताड़ित भी नहीं किया जाना चाहिए। समाज के किसी वर्ग, विशेषकर महिलाओं के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। इसलिए प्रत्येक राजनीतिक दल को खुलकर बताना चाहिए कि तीन तलाक के मुद्दे पर उनका क्या नजरिया है। उन्होंने कहा, तीन तलाक चुनावी मुद्दा नहीं है और इसे एक विशेष धर्म के साथ जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। भाजपा का शुरू से ही एक घोषित स्टैंड रहा है और जब मामला सुप्रीम कोर्ट में आएगा तो सरकार अपना रुख पेश करेगी।