नई दिल्ली, चुनाव आयोग चाहता है कि माध्यमिक स्कूली स्तर से छात्र जिम्मेदार मतदाता बनना सीखें। चुनाव आयोग ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से कहा है कि वह माध्यमिक स्कूली स्तर पर चुनावी साक्षरता का पाठ्यक्रम पेश करे ताकि 15 से 17 वर्ष के छात्रों को शिक्षित किया जा सके और जो 18 वर्ष के होने पर वोट डालने के पात्र होंगे। आयोग ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से कहा है कि जब तक कि यह विषय पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं बनता है तब तक मंत्रालय एनसीईआरटी से चुनाव एवं चुनावी प्रक्रिया पर एक पुस्तिका लाने को कहे जिसे उपयुक्त स्तर पर स्कूलों में पूरक पाठ्य सामग्री की सूची में शामिल किया जा सकता है।
पिछली जुलाई में मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर को पत्र लिखकर उनसे पाठ्यक्रम में चुनावी साक्षरता के विषय को शामिल करने का आग्रह किया था। जैदी ने अपने पत्र में कहा था, ऐसा महसूस किया जा रहा है कि सुनियोजित ढंग से चुनावी साक्षरता का पाठ्यक्रम पेश किये जाने से चुनावी साक्षरता को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। इसलिए चुनाव आयोग माध्यमिक स्कूली स्तर पर इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रस्ताव करती है और अगर जरूरी हो तब उच्च स्तर पर भी इसे शामिल किया जाए।