नई दिल्ली, निर्वाचन आयोग ने ओ पन्नीरसेल्वम खेमे द्वारा अन्नाद्रमुक से अंतरिम महासचिव के रूप में वीके शशिकला की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर दस दिन के भीतर जवाब मांगा है। निर्वाचन आयोग ने साफ किया कि अगर वह निर्धारित तिथि तक जवाब देने में विफल रहती है, तो यह मान लिया जाएगा कि उनके पास कहने को कुछ नहीं है और वह उसी आधार पर मामले में कार्रवाई करेगा। आयोग ने फिलहाल बेंगलुरू के पाराप्पना अग्रहारा जेल में बंद शशिकला को यह नोटिस भेजा है और उनसे 28 फरवरी तक जवाब देने को कहा है।
राज्यसभा सदस्य वी. मैत्रेयन के नेतृत्व वाले पन्नीरसेल्वम खेमे की ओर से शशिकला को महासचिव बनाए जाने के खिलाफ कल दो आवेदन दिए जाने के बाद आयोग ने शुक्रवार को नोटिस जारी किया। आवेदनों की प्रति शशिकला को भेजते हुए आयोग ने उनसे 28 फरवरी तक जवाब देने को कहा है और इसमें असफल रहने पर यह मान लिया जाएगा कि आपके पास अपने पक्ष में कहने को कुछ नहीं है और आयोग इस मामले में समुचित कार्रवाई करेगा। अन्नाद्रमुक के पन्नीरसेल्वम खेमे ने शशिकला को पार्टी का महासचिव बनाए जाने को चुनौती देते हुए कल आयोग में आवेदन दिया और कहा कि इसमें नियमों का उल्लंघन हुआ है। खेमे के 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी और अन्य शीर्ष अधिकारियों से भेंट की और ज्ञापन सौंप कर अनुरोध किया कि वह शशिकला को पार्टी का शीर्ष पद दिए जाने की मंजूरी रद्द करें। प्रतिनिधिमंडल ने अपने 42 पृष्ठों के आवेदन में दावा किया है कि शशिकला का चुनाव पार्टी के संविधान का उल्लंघन है, क्योंकि उनका चुनाव पार्टी की आम परिषद् ने किया था न कि प्राथमिक सदस्यों ने। आवेदन में कहा गया है कि आम परिषद् के पास नीतियां बनाने और कार्यक्रम तय करने का अधिकार है, किसी को महासचिव चुनने का नहीं।