इलाहाबाद, आज महिला शिक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, महिलाओं के शिक्षित होने पर उनकी तरक्की की राह में आने वाली बाधाएं स्वतः समाप्त हो जाएंगी। महिला शिक्षित होंगी तो परिवार के साथ पूरा समाज शिक्षित होगा तथा उन्नति करेगा। उक्त बातें उ.प्र राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय के तत्वावधान में लैंगिक भेदभाव तथा भारतीय कृषि क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं की सामाजिक एवं आर्थिक सहभागिता के आयाम विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय ने कही।
उन्होंने आगे कहा कि शिक्षित समाज में महिलाओं की भागीदारी पुरूषों से किसी भी मामले में कम नहीं होगी। राष्ट्रीय संगोष्ठी की मुख्य वक्ता इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गृहविज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय संस्कृति वैदिक कालीन संस्कृति है। यहां लोपामुद्रा, गार्गी, मैत्रेयी, लीलावती आदि विदुषी महिलाएं हुईं। भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहाँ देवियों की पूजा होती है। आज हमें अपने अंदर के मूल्यों को जगाना है, महिलाओं को सशक्त बनाना है। कहा कि समाज में अभिभावक ही अपनी सोच से बेटियों को सशक्त कर सकते हैं। यदि वह अपनी बेटियों को बेटों के समान सपोर्ट करेंगे तो लड़कियों की स्थिति सुदृढ़ हो सकती है जो शिक्षित परिवारों में हो रहा है। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एम.पी दुबे ने कहा कि पूरी दुनिया में महिलाओं के साथ भेदभाव होता है। महिलाओं को सक्षम बनाया जाना चाहिए। महिलाएं शिक्षित एवं आर्थिक रूप से सुदृढ़ होंगी तो उनकी सामाजिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी। महिला मंगल दल, आंगनबाड़ी आदि कई समुदाय आधारित कार्यक्रमों से जुड़कर महिलाएं सशक्त हो सकती हैं। संगोष्ठी का विषय प्रवर्तन कृषि विज्ञान विद्या शाखा के निदेशक एवं सेमिनार के संयोजक डा. प्रेम प्रकाश दुबे ने एवं अतिथियों का स्वागत तथा संचालन आयोजन सचिव डा. श्रुति ने किया। विश्वविद्यालय के बारे में परीक्षा नियंत्रक तथा आयोजन सचिव डा.गिरीश कुमार द्विवेदी ने जानकारी दी। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डा. राजेश कुमार पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर ई-सारांशिका का विमोचन अतिथियों ने किया। मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी डा. प्रभात चन्द्र मिश्र ने बताया कि सेमिनार में सात राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, नई दिल्ली, असम एवं राजस्थान से तकरीबन 95 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। अन्य तकनीकी सत्रों में विषय विशेष डा.बृजेश कान्त द्विवेदी, प्रो. जे.पी श्रीवास्तव, डा.हेमलता पंत, डा. ए.सी सिंह, प्रो. विल्सन किस्पोटा तथा डा. एम.पी सिंह आदि ने महत्वपूर्ण जानकारी दी।