नई दिल्ली, तमिलनाडु में सत्ता की जंग हार चुके एआईएडीएमके के पन्नीरसेल्वम गुट के नेताओं ने अभी हार नहीं मानी है। पूर्व सीएम पन्नीरसेल्वम के समर्थक माने जाने वाले 12 सांसदों ने वी मैत्रेयन की अगुवाई में मंगलवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और जयललिता की मौत की जांच किसी केंद्रीय एजेंसी से कराने की मांग की।
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद पार्टी सांसद वी. मैत्रेयन ने कहा कि एआईएडीएमके समर्थकों में जयललिता की मौत को लेकर काफी संदेह है। इसकी जांच किसी सेंट्रल एजेंसी से कराई जानी चाहिए। उनके मुताबिक, जब जयललिता को अस्पताल में भर्ती कराया गया था तब कहा गया कि उन्हें बुखार है और कोई गंभीर बीमारी नहीं है। लेकिन फिर उन्हें 75 दिनों तक अस्पताल में भर्ती कर रखा गया। पन्नीरसेल्वम की बगावत जारी: मैत्रेयन का कहना है कि हम इस मामले की विस्तृत जांच की मांग कर रहे हैं। तमिलनाडु की वर्तमान सरकार इसकी जांच नहीं कराएगी इसलिए हम राष्ट्रपति से मिले हैं और ज्ञापन सौंपा है। गौरतलब है कि शशिकला की ताजपोशी के खिलाफ पन्नीरसेल्वम ने बगावत कर दिया था। हालांकि, शशिकला को सुप्रीम कोर्ट से सजा हो जाने के कारण पलानीसामी ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली और विधानसभा में पन्नीरसेल्वम गुट को समर्थन नहीं मिल सका। पिछले हफ्ते जयललिता की जयंती के मौके पर उनकी भतीजी दीपा जयकुमार ने पन्नीरसेल्वम गुट को अपने समर्थन का ऐलान किया। जयललिता की 69 वें जन्मदिन पर 24 फरवरी को दीपा ने एमजीआर अम्मा दीपा फोरम को पेश कर अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की थी।