नई दिल्ली, भारत के दिग्गज घरेलू क्रिकेटरों राजिंदर गोयल और पदमाकर शिवालकर को आज पूर्व राष्ट्रीय महिला कप्तान शांता रंगास्वामी के साथ सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार के लिए नामित किया गया। गोयल और शिवालकर कभी भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाए जबकि शांता इस पुरस्कार के लिए चुनी जाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर हैं। बीसीसीआई ने घोषणा की कि बायें हाथ के स्पिनरों गोयल और शिवालकर को आठ मार्च को बेंगलुरू में वाषिर्क पुरस्कारों के दौरान सम्मानित किया जाएगा।
बीसीसीआई ने बयान में कहा, एन राम, रामचंद्र गुहा और डायना इडुल्जी का मानना है कि बीसीसीआई को गोयल और शिवालकर की सेवाओं को मान्यता देने की जरूरत है जो इतने भाग्यशाली नहीं रहे कि भारत के लिए खेल पाएं। शिवालकर और गोयल क्रमशः मुंबई और हरियाणा की ओर से खेलते थे और वषरें तक दोनों ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया। गोयल ने प्रथम श्रेणी मैचों में 750 विकेट चटकाए जिसमें 637 रणजी ट्राफी विकेट भी शामिल हैं जो टूर्नामेंट के इतिहास में सर्वाधिक हैं।
शिवालकर ने 124 प्रथम श्रेणी मैचों में 589 विकेट हासिल किए। ये दोनों उस समय खेलते थे जब बायें हाथ के दिग्गज स्पिनर बिशन सिंह बेदी भारतीय टीम का हिस्सा थे जिसके कारण ये कभी भारतीय टीम में जगह नहीं बना पाए। शांता के रूप में पहली बार किसी महिला क्रिकेटर को इन पुरस्कारों के लिए चुना गया है। उन्होंने 12 टेस्ट और 16 एकदवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत की अगुआई की। शांता ने कहा, यह अच्छा अहसास है कि महिला क्रिकेटरों को अंततः वह मिल रहा है जिसकी वे हकदार हैं।
वे दिन मुश्किल थे लेकिन फिर भी हम भविष्य की मजबूत बुनियाद तैयार कर पाईं। बयान के अनुसार भारतीय क्रिकेट को सेवाएं देने के लिए वामन विश्वनाथ कुमार और दिवंगत रमाकांत देसाई को बीसीसीआई के विशेष पुरस्कार के लिए नामित किया गया। पुरस्कार समारोह से पहले पांचवां एमएके पटौदी स्मृति व्याख्यान भी होगा जो भारत के पूर्व विकेटकीपर फारूख इंजीनियर देंगे।