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सबसे बड़े नकल माफिया को मंच पर बैठाकर, मोदी नकल पर उपदेश दे रहे थे- अखिलेश यादव

akhilesh yadavबलिया, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री जी सबसे बड़े नकल माफिया को मंच पर बैठाकर, नकल पर उपदेश दे रहे थे. अखिलेश ने मोदी पर हमले जारी रखते हुए कहा ‘‘प्रधानमंत्री जी ने गोंडा में कहा कि उत्तर प्रदेश में परीक्षाओं में बहुत नकल हो रही है. हमने पूछा कि सबसे बड़ा नकल वाला माफिया तो आपके मंच पर बैठा है. जब अमेरिका के राष्ट्रपति आये थे तो नकल करके सूट बनवाया था. आप बताओ किसकी नकल की थी.’’

अखिलेश यादव ने ‘काम नहीं, कारनामे बोलते हैं’ के सवाल पर घेरने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जवाब देते हुए कहा कि कोई काम ना करना ही मोदी का सबसे बड़ा कारनामा है. अखिलेश ने नगरा क्षेत्र में सपा प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित जनसभा में कहा कि मोदी जी हमारे कारनामे बताते हैं लेकिन उन्होंने अपने काम का अब तक कोई हिसाब-किताब नहीं दिया. मोदी विकास पर बहस करने से भाग रहे हैं. दरअसल कोई काम ना करना ही मोदी का सबसे बड़ा कारनामा है. अगर वह हमारे कारनामे को देखना चाहते हैं तो आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर आइये, जो हमने बनाया है.

अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में 24 घंटे बिजली आने को लेकर अब तक गंगा मैया की कसम नहीं खायी है. इसका मतलब है कि वह इस सवाल पर लड़ाई नहीं लड़ पा रहे हैं. मोदी अपनी हर सभा में कह रहे हैं कि उन्होंने गरीब महिलाओं को रसोई गैस सिलिंडर और चूल्हा दिया है. यह सच है, लेकिन गरीबों ने सिलिंडर और चूल्हा इस्तेमाल करने के बजाय अलमारी में रख लिया है, यह सोचकर कि जब बेटी की या घर में किसी और की शादी होगी तो दहेज में दे देंगे. अखिलेश ने कहा, ‘‘सवाल यह है कि आपने बहुत गैस चूल्हा दे दिया, मगर बताइये कि सिलिंडर की कीमत लगातार क्यों बढ़ा रहे हैं, और आप गरीबों को कितने मुफ्त सिलिंडर देंगे. अगर गरीबों को कभी सिलिंडर की जरूरत पड़ गयी तो बताओ, क्या दोगे.’’

सपा अध्यक्ष अखिलेश  ने बसपा मुखिया मायावती पर भी प्रहार करते हुए कहा कि पत्थर वाली सरकार की नेता जब लिखा हुआ भाषण पढ़ती हैं तो कुर्सियों पर बैठी जनता सो जाती है. मायावती अब कह रही हैं कि वह स्मारक नहीं बनवाएंगी, मगर उन पर कौन भरोसा करेगा. उन्होंने तो अपने जीते-जी अपनी पत्थर की मूर्ति लगवा ली. अपनी नाक, कान, मुंह पत्थर का कर लिया, नकदी वाला बैग भी पत्थर कर कर लिया. वैसे तो कहने को वह हमारी बुआ हैं, लेकिन भाजपा से कब मिल जाएं और रक्षाबंधन मना लें, यह पता नहीं. अखिलेश ने कहा, ‘‘हमारी मत मानो, आप सरकारी आंकड़े निकाल लो, अगर किसी ने सड़कें बनायी हैं तो समाजवादी सरकार ने ही बनायी हैं. यह अलग बात है कि ठेका कोई पा ले, हमारी मुश्किल तो यह है कि जिन्होंने ठेका पाया उन्हीं से हमारे प्रत्याशी को लड़ना पड़ रहा है.’’ उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर कहा, ‘‘ठेका दिलाने वाले अब चले गये. अब तो उनकी जोड़ी बन गयी होगी. सोचो बुआ के यहां गये होंगे तो उन्होंने घुटनों के बल बैठाया ही होगा, रेंगते हुए गये होंगे. हमने तो सुना है कि जो उनके दल से निकलकर आता है, वह बताता है कि बुआजी बिना नकदी लिये टिकट नहीं देतीं हैं. जिन्होंने कमाया, जिन्होंने दिलाया, वो खर्चा करके हमारी बुआ के यहां चले गये.’’

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