लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी सहित सात जिलों की 40 विधानसभा क्षेत्रों में सोमवार शाम चुनाव प्रचार थम गया। इस चरण में गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र और जौनपुर में आठ मार्च को मतदान होगा।
इस चरण के लिए सभी दलों के नेताओं ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। बसपा के 40, बीजेपी के 32, सपा के 31, कांग्रेस के नौ, रालोद के 21, राकांपा के पांच प्रत्याशी मुकाबले में हैं। सबसे अधिक 24 उम्मीदवार वाराणसी केंट सीट से मैदान में हैं जबकि सबसे कम छह प्रत्याशी केराकत सीट पर हैं। अंतिम चरण में तीन नक्सल प्रभावित जिले भी शामिल हैं, जिसमें सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली में सुरक्षाबलों को चौकस रहने को कहा गया है। पिछले विधानसभा चुनाव में 2012 में इन 40 सीटों में से 23 सपा के खाते में गई थीं। बसपा को पांच, भाजपा को चार, कांग्रेस को तीन और अन्य को पांच सीटें मिली थीं।
मोदी सोमवार सुबह यादवों के मठ कहे जाने वाले गढ़वाघाट आश्रम गये और वहां संतों का आशीर्वाद लिया। इसके बाद रामनगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री के आवास गये और उन्हें श्रद्घांजलि अर्पित की। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोहनियां में चुनावी रैली को भी संबोधित कर।
आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया । अखिलेश यादव ने जौनपुर में पार्टी प्रत्याशियों के लिए अलग-अलग स्थानों पर चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया जबकि उनकी पत्नी और सांसद डिंपल यादव चंदौली और भदोही में तीन जनसभाओं को संबोधित किया। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी बात कही। मायावती की नजर विशेष तौर पर मुसलमान वोटरों पर है। उन्हें यकीन है कि राज्य के पूर्वी हिस्से का मुसलमान बसपा के पक्ष में मतदान करेगा। सभी दल पूर्वी उत्तर प्रदेश को जीत का दरवाजा मान रहे हैं।