संदिग्ध आंतकवादी सैफुल्ला के आईएस से संबंध नहीं: यूपी पुलिस
March 9, 2017
लखनऊ, उत्तर प्रदेश पुलिस ने बुधवार को कहा कि आतंकवाद-रोधी अभियान में मारा गया संदिग्ध और गिरफ्तार किए गए उसके पांच सहयोगियों के आतंकावदी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से संबंध होने के सबूत नहीं मिले हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सैफुल्ला और पांच अन्य संदिग्ध खुद से आतंकवादी बने थे और उनकी योजना लखनऊ में एक पृथक आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट खोरासान गठित करने की थी।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने राजधानी के ठाकुरगंज इलाके में स्थित हॉजी कॉलोनी के एक घर में छिपे कानपुर के मनोहर नगर के निवासी सैफुल्ला को 11 घंटे तक चले अभियान में मुठभेड़ के बाद बुधवार को अल-सुबह 3.0 बजे मार गिराया। अतिरित्कत महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) दलजीत चौधरी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, सैफुल्ला और उसके पांचों सहयोगियों खुद से आतंकवाद का रास्ता अपनाया था। उन्हें विदेश से आर्थिक मदद नहीं मिल रही थी। उन्होंने अपनी निजी संपत्ति से सारे इंतजाम किए। वे यहां एक आतंकवादी संगठन आईएस खुरासान बनाना चाहते थे और कई जगहों पर आतंकवादी वारदात की साजिश रच रहे थे।
दलजीत चौधरी ने बताया कि उन्होंने हल्के बम दागने की कोशिशें भी कीं, लेकिन वे असफल रहे, जिसके बाद एटीएस ने सैफुल्ला को मार गिराया और उनकी साजिश को नाकाम कर दिया। अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश में मंगलवार को एक ट्रेन में हुए बम विस्फोट के बाद उन्हें विभिन्न खुफिया विभागों से लखनऊ, कानपुर और इटावा में संदिग्ध आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। दो संदिग्ध आतंकवादियों मोहम्मद फैसल खान और फखरे आलम को क्रमशः उनके गृहनगर कानपुर और इटावा से गिरफ्तार किया गया। फैसल का बड़ा भाई मोहम्मद इमरान को भी एक अलग अभियान के दौरान उन्नाव से गिरफ्तार किया गया और एटीएस ने उनसे पूछताछ शुरू कर दी है। अधिकारी ने बताया, एटीएस द्वारा कानपुर से ही गिरफ्तार किए गए दो अन्य संदिग्धों को भीड़ एटीएस के चंगुल से छुड़ाने में सफल रही, लेकिन हमें उनके घरों का पता है और हम जल्द ही उन्हें फिर से हिरासत में ले लेंगे। उन्होंने बताया कि आतिश मुजफ्फर, दानिश अख्तर और सैयद मीर हुसैन को मध्य प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मुजफ्फर को इस गुट का सरगना माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को मध्य प्रदेश में ट्रेन में विस्फोट के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि विस्फोट के पीछे इस्लामिक स्टेट (आईएस) का हाथ होने का संदेह है। चौहान ने यह भी कहा था कि विस्फोट एक पाइप बम के जरिए किया गया और उसकी तस्वीरें मोबाइल फोन के जरिए सीरिया भेजी गईं।