नई दिल्ली, बाबरी मस्जिद केस में कोर्ट अब गुरुवार को फैसला ले सकता है कि क्या लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती जैसे बीजेपी नेताओं के खिलाफ साजिश रचने से जुड़े आरोपों को दोबारा से तय किया जाए कि नहीं? बुधवार को इस मामले की सुनवाई टल गई।
दरअसल, सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें बीजेपी नेताओं के खिलाफ इस केस में आपराधिक साजिश के आरोपों को हटाने से जुड़े फैसले को बरकरार रखा गया था। छह दिसंबर 1992 को जब बाबरी मस्जिद गिराई जा रही थी तो अयोध्या के राम कथा कुंज में मंच पर बीजेपी नेता आडवाणी और कई और कथित तौर पर मौजूद थे। बाबरी ध्वंस में एक मामला इन नेताओं के खिलाफ जबकि दूसरा मामला उन लाखों कारसेवकों के खिलाफ है, जो घटना के वक्त विवादित ढांचे के आसपास मौजूद थे। सीबीआई ने आडवाणी और 20 अन्य के खिलाफ दो समुदायों के बीच कटुता बढ़ाने, लोगों को भड़काने, अफवाह फैलाने, शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के आरोपों से जुड़ी धाराओं में मामला दर्ज किया था। बाद में आपराधिक साजिश की धारा 120बी को भी जोड़ा गया। हालांकि, स्पेशल कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया। बाद में हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था।