नई दिल्ली, चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान करीब 60,000 करोड़ रुपए जारी होने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन द्वारा दिए बयान के बाद चुनाव आयोग ने तत्परता से कार्रवाई करना शुरु कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने इस मामले में केंद्रीय बैंक से अनुरोध किया है कि वह जरूरी सूचनाएं मुहैया कराए ताकि कार्रवाई की जा सके।
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आयोग पहले ही आरबीआई के सामने विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियों को विदेशी चंदा मिलने के मुद्दे को उठा चुका है। फिर भी हम आरबीआई को पत्र लिख उनसे अनुरोध करते हैं कि वे हमें सूचनाएं मुहैया कराएं ताकि हम विचार कर सकें, परीक्षण कर सकें और उचित कार्रवाई कर सकें।
विधानसभा चुनाव मामले में विदेशी कंपनी से चुनावी चंदा लेने के मामले में रोक लगाने के मामले में केन्द्र सरकार द्वारा उठाए कदमों पर मुख्य चुनाव आयुक्त जैदी ने कहा कि विदेशी चंदा लेने का रास्ता खोलने का उपाय सरकार ने ज़रूर ढूंढ लिया है। ग्रीनपीस, फोर्ड फाउंडेशन और तीस्ता सीतलवाड़ की एनजीओ समेत कई गैर सरकारी संगठनों पर एनडीए सरकार के वक्त में कार्रवाई हुई है। ज्यादातर को या तो अपना काम बंद करना पड़ा है या पैसा मिलना बंद हो गया है। सरकार ने तमाम एनजीओ पर यह कार्यवाही फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेग्यूलेशन एक्ट (एफसीआरए) के तहत की है जिसके उल्लंघन का आरोप इन एनजीओ पर लगाया गया है।
इससे पूर्व दिल्ली हाईकोर्ट ने मार्च-2014 को दिए अपने एक फैसले में विदेशी कंपनी से चुनावी चंदा लेने के लिये देश की दो राष्ट्रीय पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी को दोषी पाया था और केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से कहा था कि इन पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई हो। अब तक दोनों पार्टियों के खिलाफ तो कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि वित्तमंत्री ने विदेशी स्रोत की परिभाषा में बदलाव 2010 से लागू करने का प्रस्ताव किया है जिससे दोनों ही पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हो पायेगी।