नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसानों की आत्महत्या बड़ा ही गंभीर मसला है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से कहा कि इस बारे में विस्तृत जवाब और किसानों की आत्महत्या से निपटने के लिए क्या-क्या कदम उठाये जा रहे हैं? इसके बारे में डिटेल हलफनामा चार हफ्ते के अंदर कोर्ट में पेश करें।
इसके पहले 3 मार्च को इस मसले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि आपको एक योजना लानी चाहिए। आत्महत्या करनेवालों के परिवार को मुआवजा देना समस्या का समाधान नहीं है। अगर आप आत्महत्या करने वाले परिवार को मुआवजा देते हैं तो आप उस समस्या से निपट नहीं रहे हैं। इस पर केंद्र सरकार ने कहा कि वो सभी विभागों से बात कर इस समस्या का हल निकालेंगे। पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा था कि किसान केवल फसल उपजा सकते हैं और जिस साल उनकी उपज अच्छी होती है उसकी कीमत उन्हें कम मिलती है। इस पर आपको अध्ययन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार केवल वादे करती है लेकिन उस पर अमल नहीं करती है। आपको उपज की कीमत तय करनी चाहिए। इस पर केंद्र सरकार ने कहा था कि हम इस बात की गारंटी करना चाहते हैं कि किसानों को तकलीफ न हो और उन्हें ऐसी जगह मिले जहां वे संपर्क कर सकें। केंद्र ने कहा था कि हमने किसानों की आय बढ़ाने और बीमा के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।