मुंबई, अभिनेता-फिल्मकार राहुल बोस का कहना है कि भारतीय फिल्मकारों को ईरानी सिनेमा से प्रेरित होना चाहिए और सीमित समय में गुणवत्तापूर्ण फिल्में बनाने की कला सीखनी चाहिए। राहुल ने अपने बयान में कहा, हमें वैश्विक स्तर के ईरानी सिनेमा से प्रेरित होना चाहिए, जो 99 मिनट की अवधि की होती है, लेकिन वैश्विक स्तर की गुणवत्तापूर्ण कहानी के आड़े कभी नहीं आई।
राहुल निर्देशित फिल्म पूर्णा 145 मिनट की अवधि की थी। उन्होंने कहा, हमेशा एक रास्ता होता है, हमेशा एक रचनात्मक तरीका उपलब्ध होता है, जिसका आप उपयोग कर सकते हैं और लोगों को पता भी नहीं चलेगा कि आपने किन दिक्कतों का सामना किया। बांद्रा में पिछले हफ्ते मेट-आईएमएम के सहयोग से मीडिया कनेक्ट से जुड़े कार्यक्रम के दौरान बताया कि फिल्म पूर्णा के लिए एक टीम की तलाश करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण रहा। फिल्म एक कम उम्र की लड़की द्वारा माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने के बारे में है। फिल्म पूर्णा की सफलता के बाद राहुल वैश्विक दर्शकों के लिए फिल्में बनाना चाहते हैं।