नई दिल्ली, नरेंद्र मोदी के साथ दीदी की लड़ाई बंगाल में बहुत आगे बढ़ चुकी है और इसका ताजा उदाहरण यह है कि ममता बनर्जी ने बंगाल में केंद्र की योजनाओं का नाम बदल दिया है। तृणमूल कांग्रेस प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से प्रधानमंत्री हटाना चाहती है और इस योजना को बंगलर ग्रामीण सड़क योजना का नाम दिया है। इसी के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण को बंगलर गृह प्रकल्प किया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) बंगाल में मिशन निर्मल बंगला के नाम से जानी जाएगी।
भाजपा ने बाबर से की ममता की तुलनाः
ममता सरकार पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता चंद्र कुमार बोस ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की तुलना बाबर से की जिसने अयोध्या में मंदिर विध्वंस करके बाबरी मस्जिद का निर्माण किया।
योजनाओं के नाम बदलने के कारणों को गिनाते हुए ममता सरकार ने कहा कि राज्य सरकार इन योजनाओं का 40 फीसद लागत वहन करती है, जोकि पहले 10 प्रतिशत था। पश्चिम बंगाल सरकार के मुताबिक अगर राज्य सरकार कुल लागत का 40 प्रतिशत वहन करती है, तो केंद्र सरकार को क्रेडिट क्यों दिया जाए। कूच बिहार के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट पी. उलगनाथन ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें इस संबंध में लागू करने के निर्देश मिले हैं।
सीपीआई(एम) नेता फउद हलीम ने कहा कि यह पुरानी शराब को नई बोतल में भरने जैसा है। उन्होंने कहा कि केंद्र की यह सारी योजनाएं लोगों का जीवन बदलने में पूरी तरह फेल साबित हुई हैं। भाजपा नेता ने कहा कि ममता बनर्जी का फैसला मूर्खतापूर्ण है कि केंद्र की योजनाओं का नाम बदलकर उन्हें राज्य स्तर पर नाम दिया जाए। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी अगले चुनावों में ममता के धोखे का पर्दाफाश करेगी।