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सैनिकों की क्रूरता पर, भारतीय सेना ने पािकस्तानी सेना से की बातचीत

नई दिल्ली,  डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस लेफ्टिनेंट(डीजीएमओ) जनरल एके भट्ट ने अपने पाकिस्तान समकक्ष से जम्मू-कश्मीर के पुंछ की कृष्णा घाटी की घटना पर गंभीर चिंता वक्त की है, जिसमें गश्त पर निकले बीएसफ के जवानों को घात लगाकर निशाना बनाया गया। उन्होंने लाइन ऑफ कंट्रोल पर पाकिस्तानी चौकियों द्वारा बीएसएफ पोस्टों पर दागे गए रॉकेट और फायरिंग पर भी चिंता वक्त की, साथ ही नियंत्रण रेखा के पास पाक अधिकृत कश्मीर में बैट प्रशिक्षण शिविरों का मुद्दा उठाया।

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डीजीएमओ ने कहा कि इस तरह के नृशंस और अमानवीय कृत्य सभ्यता के किसी भी मानदंड से परे हैं और स्पष्ट रूप से निंदा के योग्य है। ऐसी हरकत बर्दाश्त नहीं जाएगी। बता दें कि पाकिस्तान की एफडीएल पोस्ट पिंपल से 647 मुजाहिद बटालियन ने एलओसी से सटी बीएसएफ की अग्रिम पोस्ट पर गोलीबारी कर सुबह संघर्षविराम का उल्लंघन किया। इस दौरान बीएसएफ पोस्टों पर राकेट भी दागे।

 उस समय भारतीय सेना व सीमा सुरक्षा बल के जवान खुफिया जानकारी के आधार पर वहां बारूदी सुरंग खोज रहे थे। तभी अचानक हुए हमले में बीएसएफ की 200 बटालियन के हेड कांस्टेबल प्रेम सागर निवासी गांव टिकमपुर, तहसील भाटपार रानी, जिला देवरिया (उत्तर प्रदेश) व सेना की 22 सिख यूनिट के नायब सूबेदार परमजीत सिंह निवासी तरनतारन, पंजाब शहीद हो गए।

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 बीएसएफ का कांस्टेबल राजेंद्र कुमार घायल हो गया। इसी दौरान पाक सेना के कमांडो और आतंकियों वाली बार्डर एक्शन टीम (बैट) भारतीय सीमा में लगभग एक किलोमीटर तक दाखिल हो गई। टीम दोनों भारतीय जवानों के शवों को क्षत-विक्षत करने के बाद उनके अंग भी काटकर अपने साथ ले गई है।

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