लखनऊ, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने सूबे के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां पर वक्फ सम्पत्तियों में खुर्द-बुर्द के आरोपों की जांच की मांग की अर्जी अपने पत्र के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास यथोचित कार्रवाई के लिये भेजी है। राजभवन के सूत्रों ने आज यहां बताया कि रामपुर के फैसल लाला नामक व्यक्ति ने हाल में राज्यपाल को भेजी गयी शिकायत में प्रदेश के पूर्व वक्फ मंत्री आजम खां पर रामपुर की वक्फ सम्पत्तियों पर कब्जे और खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच की मांग की थी।
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उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने उस प्रत्यावेदन को गत 24 अप्रैल को यथोचित कार्रवाई के लिये मुख्यमंत्री के पास भेज दिया है। इस बीच, खां ने अपने खिलाफ हुई शिकायत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, जो जमीन पर बोझ होता है, उसकी शिकायत नहीं होती है। भौंकने वाले मेरे पीछे इतने भौंकते हैं कि मेरी सारी जिंदगी भगाने में गुजर गयी है।
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मालूम हो कि पिछले 10 साल के दौरान वक्फ सम्पत्तियों में हुए कथित खुर्द-बुर्द की विभिन्न शिकायतों की वक्फ काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा करायी गयी जांच में पूर्व वक्फ मंत्री आजम खां और शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी समेत कई लोगों की भूमिका संदिग्ध मानी गयी है। प्रदेश के वक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने बताया कि उन्होंने शिया तथा सुन्नी दोनों ही वक्फ बोड़ों में व्याप्त भ्रष्टाचार के सिलसिले में वक्फ काउंसिल की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी हैं।
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अब मुख्यमंत्री ही तय करेंगे कि इस मामले की किस एजेंसी से जांच करायी जाएगी, क्योंकि कुछ शिकायतों में सीबीआई जांच की मांग भी की गयी है। वरिष्ठ अधिवक्ता डाक्टर सैयद एजाज अब्बास नकवी द्वाारा तैयार की गयी जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि शिया वक्फ बोर्ड से जुड़ी शिकायतों में लगे आरोप बहुत गम्भीर हैं और इनमें मुकदमे दर्ज किये जाने चाहिये। साथ ही इनमें आजम खां की भूमिका की जांच भी की जानी चाहिये।
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रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि राज्य सरकार को वक्फ बोर्ड में हुए घपलों पर श्वेत पत्र जारी किया जाना चाहिये। बहरहाल, इस मामले में आजम खां का कहना है कि उन्होंने अपने मंत्रित्वकाल में पूरे साफ दिल और मन से काम किया है और वह किसी भी जांच के लिये तैयार हैं। रजा का कहना है कि वक्फ सम्पत्तियों में किया गया घोटाला 500 करोड़ से एक हजार करोड़ रुपये तक हो सकता है। उन्होंने कहा कि साढ़े सात हजार वक्फ सम्पत्तियां थीं, वो अब महज तीन हजार रह गयी हैं। बाकी बची सम्पत्तियां कहां चली गयी हैं। यह बड़ा सवाल है। यह अपने आप में बहुत हैरत की बात है।
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