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लालू यादव के प्रयास दिखाने लगे रंग, सपा-बसपा हो सकतें हैं एक

लखनऊ, बीजेपी को रोकने के लिए देश के साथ-साथ यूपी मे भी विपक्ष लगातार एकजुट होने की कोशिश कर रहा है। यूपी के दो प्रमुख विपक्षी दल सपा और बसपा एक हो सकतें हैं। इनको एक कराने मे राजद प्रमुख  लालू यादव अहम भूमिका निभा रहें हैं। आरजेडी चीफ ने बसपा चीफ को फोन कर महागठबंधन में शामिल होने पर लंबी बातचीत की और फिर मायावती विपक्ष से जुड़ने को राजी हो गयीं।

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मायावती ऐसे किसी गठबंधन में शामिल होने की बात को खारिज करती रही हैं, जिसमें समाजवादी पार्टी भी शामिल हो। लेकिन, उन्होंने पिछले महीने अंबेडकर जयंती के मौके पर पार्टी के एक प्रोग्राम में ये ऐलान किया था कि उन्हें बीजेपी विरोधी दलों से हाथ मिलाने से परहेज नहीं होगा। सूत्रों के मुताबिक, उनकी इस सहमति मे लालू यादव का बड़ा हाथ है।

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लालू यादव ने मायावती को यह समझाया कि बीजेपी को रोकने और अपना वोटर बेस संभालने के लिए उन्हें समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर महागठबंधन करना चाहिए। लालू ने कहा  कि अगर यूपी में मायावती और मुलायम एक हो जाएं, तो वहां बीजेपी का सारा खेल खत्म हो जाएगा। आरजेडी चीफ की इस बात पर मायावती सहमत हो गईं।

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इधर समय-समय पर, लालू यादव ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को मायावती के साथ हाथ मिलाने के लिये भी समझाया। अखिलेश यादव का लालू यादव के इस प्रस्ताव पर सकारात्मक रूख रहा। हाल ही मे, बसपा के साथ महागठबंधन को लेकर अखिलेश यादव ने  एक टीवी चैनल के प्रोग्राम में कहा कि, ”ये देखना होगा कि सपा और बसपा का गठबंधन किसने तोड़ा? वो ताकतें सपा और बसपा को एक नहीं होने देंगी।”

अगर , लालू यादव का यह प्रयोग सफल हो गया तो यह निश्चित है कि बीजेपी को सबसे तगड़ी चुनौती मिलेगी।अयोध्या मंदिर आंदोलन के दौरान उठी बीजेपी के पक्ष मे चल रही राम लहर को भी उस समय मुलायम सिंह और कांशीराम की जोड़ी ने ही रोका था। बिहार के चुनाव ने भी यह दिखा दिया है कि इस चुनौती के आगे बीजेपी के सारे दांव फेल हैं।

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