हिसार , अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण और फरवरी 2016 में जाट आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मामले वापस लेने सहित सात मांगों पर हुये समझौते को अब तक हरियाणा सरकार द्वारा लागू न करने पर जाट समाज एक बार फिर से आंदोलन शुरू करने की तैयारी करने लगा है।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेताओं की आज यहां जाट धर्मशाला में एक बैठक हुई जिसमें जाट नेताओं ने सरकार पर समझौते को लागू न करने का आरोप लगाया। समिति के प्रदेश प्रवक्ता रामभगत मलिक ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार समझौता लागू करने की दिशा में कथित तौर पर कुछ कदम नहीं उठा रही है। जाट आंदोलनों के दौरान दर्ज मामले वापस लेने और जेलों में बंद जाट समाज के लोगों की रिहाई की दिशा में भी अब कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार के इसी रवैये को देखते हुए जाट समाज अपना आंदोलन पुन शुरू करने जा रहा है तथा इस संबंध में 23 मई को यहां अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति का जिला सम्मेलन होगा जिसमें एक बार फिर से गांव.गांव में सम्पर्क अभियान चलाने के लिए डयूटियां लगाई जाएंगी।
मलिक के अनुसार जिला सम्मेलन में जाटों की मागों पर एक प्रस्ताव पारित करके जिला उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंप कर सरकार से जाटों के साथ किये गये समझौते को जल्द से जल्द लागू करने की मांग उठाई जाएगी अन्यथा बड़ा आंदोलन शुरू करने की तैयारी शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि आंदोलन की रणनीति तय करने के लिए चार जून को अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की प्रदेश स्तरीय बैठक बुलाई गई है।