Breaking News

आधी से अधिक आबादी फिटनेस पर देती है हर सप्ताह अपने चार घंटे

नयी दिल्ली ,  अतिव्यस्त दिनचर्या के बावजूद लोगों के बीच फिटनेस के प्रति दिवानगी बढ़ी है और देश की 60 प्रतिशत आबादी हर सप्ताह चार घंटे खुद को चुस्त दुरुस्त करने में खर्च करती है।
श्फिटनेस इज़ लाइफश् का मंत्र युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के मकसद से रीबाॅक इंडिया ने देश में पहली बार फिटनेस सर्वेक्षण कराया। सर्वेक्षण के मुताबिक भारत फिटनेस के मोर्चे पर बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। सर्वेक्षण में शामिल 10 में से 9 लोगों का कहना है फिटनेस बेहद महत्वपूर्ण है और 80 फीसदी से अधिक लोग सेहतमंद जीवनशैली को अपनाने के लिए प्रेरित हैं।
सर्वेक्षण में शामिल 60 फीसदी से अधिक लोगों ने कहा कि वे हर हफ्ते फिटनेस पर चार घंटे से अधिक समय देते हैं और इस तरह सेहत एवं फिटनेस को लेकर आलस्य या लापरवाही का रवैया छोड़ चुके हैं।
भारतीय शहरों में दौड़ने को सबसे प्रिय शारीरिक गतिविधि के तौर पर पाया गया है। इसकी लोकप्रियता की प्रमुख वजहों में जरूरी उपकरणों पर सीमित निवेश और इसे कैसे अन्य गतिविधियों के साथ जोड़ा जा सकता हैए आदि शामिल हैं। मैराथन में भी लोगों की सक्रिय भागीदारी देखी जाती है और सर्वेक्षण में शामिल 56 फीसदी लोगों ने हर दो साल में कम से कम एक मैराथन में भाग लिया है।
दूसरी लोकप्रिय गतिविधि योग है तथा हर शहर में करीब 70 फीसदी लोग तनाव या चिंता कम करने के लिए योगाभ्यास करते हैं। पारंपरिक गतिविधियों के अलावा लोग क्राॅसफिटए मिक्स्ड मार्शल आर्टए किकबाॅक्सिंग तथा काॅम्बैट ट्रेनिंग से भी परिचित हैं। स्ट्रैन्थ वर्कआउट करने वाले लोग फिटनेस को लेकर काफी गंभीर हैं।
भारत में स्ट्रैन्थ वर्कआउट अब महिलाओं के बीच भी लोकप्रिय हो चला है और करीब 41 फीसदी महिलायें इन गतिविधियों से जुड़ी हैं। अधिकांश महिलाएं फिटनेस में सुधार तथा आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से स्ट्रैन्थ वर्कआउट करती हैं।
80 फीसदी से अधिक महिलाएं सेहतमंद जीवनशैली के लिए पूरी तरह सजग होकर प्रयास करती हैं। सिर्फ एक तरह का व्यायाम करने की बजाय 65 फीसदी ग्रुप में या अपने पार्टनर के साथ स्ट्रैचए बैंडए रन और स्क्वैट करना पसंद करती हैं। सर्वेक्षण से यह भी खुलासा हुआ है कि भारतीय अपनी फिटनेस बरकरार रखने के लिए सिर्फ एक किस्म की एक्टिविटी तक सीमित नहीं रहते। वे तरह.तरह की एक्टिविटी करना चाहते हैंए 10 में से महज़ 2 ही लोग एक प्रकार की एक्टिविटी तक सीमित रहते हैंए बाकी दो से अधिक से जुड़े हुए हैं।
देश भर के आठ शहरों में 20 से 35 साल की आयु वर्ग के जिन 1ए500 से अधिक पुरुषों ;54 प्रतिशतद्ध और महिलाओं ;46 प्रतिशतद्ध को सर्वे में शामिल किया गयाए वे हर हफ्ते कम से कम एक फिटनेस एक्टिविटी से जुड़े हुए थे।

सर्वेक्षण में पुणे को सर्वाधिक फिटस्कोर यानी 7ण्65 अंक मिले । फिट स्कोर शहर में लोग खुद को कितना फिट महसूस करते हैंए हर हफ्ते वे फिटनेस पर कितने घंटे खर्च करते हैंए वर्क आउट कितनी बार करते हैं तथा कितनी फिटनेस एक्टिविटीज़ में भाग लेते हैं आदि का कुल योग है।
चंडीगढ़ 7ण्35 अंकों के साथ फिटनेस मीटर पर दूसरे नंबर पर रहा। देश की मधुमेह राजधानी के रूप में गत साल चर्चा में रहे चंडीगढ़ की युवा पीढ़ी ने शहर को सेहतमंद जीवनशैली के मोर्चे पर तेजी से आगे बढ़ रहे शहर का दर्जा दिलाया है। शहर में न सिर्फ दौड़ने के शौकीनों की संख्या सर्वाधिक है बल्कि योग करने वाले लोगों का आंकड़ा भी सबसे अधिक है। ये सभी अपने लिए उपयुक्त फिटनेस गीयर ;52 फीसदी से अधिक हर साल फिटनेस संबंधी वस्त्रों और जूतों पर 8000रुपये से अधिक खर्च करते हैंद्ध खरीदने की दिशा में भी प्रयासरत हैं। दक्षिण भारत के हैदराबादए बेंगलुरु और चेन्नई जैसे शहर फिटस्कोर इंडेक्स पर सबसे नीचे रहे।
सर्वेक्षण के नतीजे जारी करती हुई कंपनी की वरिष्ठ विपणन निदेशक सिल्सिवया टैलाॅनए ने कहाए ष्भारत ऐसा देश है जो हमेशा से फिटनेस के बजाय खाने के प्रति दीवानगी के लिए जाना जाता रहा है। यहां यह जानना सुखद है कि देश की युवा पीढ़ी अधिक सेहतमंद और अधिक फिट जीवनशैली को अपनाने की दिशा में लगातार बढ़ रही है। ष्

इंटरनेट और सोशल मीडिया आज भारत में फिटनेस की दुनिया में काफी बदलाव ला रहा है और यूट्यूब को फिटनेस जानकारी के सर्वाधिक पसंदीदा स्रोत के रूप में देखा जाता है तथा इसके बाद अन्य सोशल मीडिया साइट्स हैं। शरीर को लेकर लोग अब पहले से अधिक जागरूक हुए हैं और अपने स्वास्थ्य को लेकर अधिक सजर्क तथा सजग बने हैं।
ब्रांड्स अब तरह.तरह के स्मार्ट शूज़ और कपड़े पेश करते हैंए जिसके चलते 81 फीसदी लोगों में फैशनेबल रहते हुए फिट बने रहने की चाहत साफ दिखायी देती है। 86 फीसदी का मानना है कि टेक्नोलाॅजी के स्तर पर फिटनेस बैंड और स्पेशल शूज़ डिजाइन जैसी पहल वर्कआउट में काफी अहमियत रखती हैं।
लिंग के स्तर पर एक और दिलचस्प रुझान यह सामने आया है कि 55 फीसदी पुरुष परफेक्ट फिट पसंद करते हैं जबकि 56 फीसदी महिलाएं सुविधाजनक गीयर को प्राथमिकता देती हैं। 20 से 35 वर्ष की आयुवर्ग के अधिक ग्राहक फिटनेस गीयर खरीदने के लिए तत्पर रहते हैं और करीब 47 फीसदी हर साल फिटनेस कपड़ों पर 8000ध्रु या अधिक तथा 43 फीसदी साल में दो दफा गीयर की खरीदारी पर खर्च करते हैं। 64 फीसदी ने जूतोंं के प्रति अपने रूझान को स्वीकार करते हुए कहा कि वे साल में कम से कम एक दफा अपने लिए उपयुक्त किस्म का फुटवियर खरीदने पर खर्च करते हैं।