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दो महीने मे, सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने की, योजना पेश करे, यूपी सरकार- हाईकोर्ट

इलाहाबाद ,उत्तर प्रदेश में प्राइमरी और उच्च प्राथमिक स्कूलों में मूलभूत सुविधायें मुहैय्या कराने की योजना प्रस्तुत करने के लिये इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को दो महीने का और समय दिया है।

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कृष्ण प्रकाश पटेल की याचिका पर सुनवाई करते हुये मुख्य न्यायाधीश डी बी भोसले और न्यायाधीश यशवंत वर्मा की पीठ ने इस आशय का आदेश पारित किया। याची का कहना है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की सीट टूटी फूटी है और शौचालयों की हालत बेहद खस्ता है। छात्रों को मूल अधिकारों से वंचित करना गैर संवैधानिक है।

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 इससे पहले राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग के जरिये न्यायालय में गुहार लगायी थी कि प्राइमरी और उच्च प्राथमिक स्कूलों में सीट और शौचालयों समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिये करीब चार हजार करोड रूपये खर्च होंगे। सरकारी अधिवक्ता रामानंद पांडे ने अदालत को बताया कि नौ मई 2017 को संबधित जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर उनसे स्कूलों की जरूरत के बारे में रिपोर्ट देने को कहा है।

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 जिला प्रशासन के फीडबैक के आधार पर इस बारे में योजना तैयार की जायेगी जिसमें दो महीने का समय लग सकता है। न्यायालय ने दलील को संज्ञान में लेते हुये राज्य सरकार को रिपोर्ट देने के लिये दो महीने की मोहलत मंजूर कर ली है। मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी।

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