Breaking News

परमाणु वैज्ञानिकों ने 10 स्वदेशी परमाणु रिएक्टर संबंधी फैसले का स्वागत किया

नई दिल्ली, देश के शीर्ष परमाणु वैग्यानिकांें ने 10 स्वदेशी परमाणु रिएक्टरों की वृहत परियोजना शुरू करने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है। परमाणु उर्जा विभाग में जनजागरूकता प्रभाग के अध्यक्ष रविशंकर ने यहां जारी एक विग्यप्ति में यह जानकारी दी। विग्यप्ति के अनुसार सरकार के फैसले की सराहना करते हुए परमाणु उर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एमआर श्रीनिवासन, आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल काकोदकर, आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. श्रीकुमार बनर्जी, भारतीय परमाणु उर्जा निगम लिमिटेड:एनपीसीआईएलः के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. एसके जैन, परमाणु उर्जा विभाग की होमी भाभा चेयर डॉ. आरबी ग्रोवर तथा परमाणु उर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आरके सिन्हा ने एक संयुक्त बयान जारी किया है।

बहुजन समाज पार्टी को चुनाव आयोग से मिली, बडी राहत

इन परमाणु वैज्ञानिकों ने बयान में कहा है, हम 7,000 मेगावाट की क्षमता वाले 10 दाबित भारी जल रिएक्टरों (पीएचडब्ल्यूआर) के निर्माण की स्वीकृति प्रदान करने के 17 मई 2017 के भारत सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा समय पर लिया गया एक साहसिक कदम है जिसके दूरगामी लाभ होंगे।

जस्टिस कर्णन ने, सुप्रीम कोर्ट से, सजा पर रोक लगाने की मांग की

इसमें कहा गया कि भारत के परमाणु उर्जा कार्यक्रम के इतिहास में यह एक अभूतपूर्व फैसला है। यह देश की उर्जा सुरक्षा एवं भारत की स्वच्छ उर्जा प्रतिबद्धताओं को सुनिश्चित करने के लिए परमाणु उर्जा के विस्तार के प्रति वर्तमान सरकार के दृढ़ संकल्प युक्त दृष्टिकोण को दर्शाता है। बयान में कहा गया है, एक पूर्ण स्वदेशी परियोजना के रूप में इन अत्याधुनिक दाबित भारी जल रिएक्टरों, जो हमारी वैग्यानिक एवं प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता के गौरव का प्रतीक हंै, के निर्माण के फैसले से हमारे परमाणु कार्यक्रम की मजबूती का एक दृढ़ संदेश गया है।

मीडिया, अदालतों और न्यायाधिकरणों को, जस्टिस कर्णन के लिये, सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश

इससे भारत में उपकरण विनिर्माण उद्योग में एक नया उत्साह और आशावाद पैदा हुआ है जो वैश्विक परमाणु विनिर्माण एवं आपूर्ति श्रृंखला में भारत को अग्रिम रेखा पर लाने के लिए हमारे कार्यक्रम के साथ मिलकर वृद्धि की ओर अग्रसर होगा।

जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले, दलित जज को सुप्रीम कोर्ट ने भेजा जेल