Breaking News

रक्षा मंत्री अरुण जेटली बोले-युद्ध जैसे क्षेत्र में सेना फैसले लेने के लिए स्वतंत्र

नई दिल्ली,  कश्मीर में पथराव करने वालों के खिलाफ कथित रूप से मानव ढाल के तौर पर एक व्यक्ति को जीप के आगे बांधने वाले मेजर को लेकर उठे विवाद के बीच रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सेना के अधिकारी युद्ध जैसे क्षेत्र में निर्णय करने के लिए स्वतंत्र हैं। जेटली ने बुधवार को मेजर लीतुल गोगोई के कदम का विशेष जिक्र किए बिना कहा, देखिए, सैन्य समाधान सैन्य अधिकारी मुहैया कराते हैं।

बसपा ने की, सहारनपुर मे पीड़ित परिवारों को पांच-पांच लाख  मुआवजा देने की मांग

युद्ध जैसे क्षेत्र में जब आप हों तो स्थितियों से कैसे निबटा जाए, हमें अपने सैन्य अधिकारियों को निर्णय लेने की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने कहा, उन्हें सांसदों से विचार विमर्श करने की आवश्यकता नहीं कि उन्हें इस प्रकार की परिस्थितियों में क्या करना चाहिए। रक्षा मंत्री का यह बयान सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तानी चौकियों पर गोलाबारी की बात का खुलासा करने के एक दिन बाद आया है।

सहारनपुर मे हिंसा को रोकने के लिये, इंटरनेट सेवा और सोशल मीडिया पर लगी रोक

रक्षा मंत्री जम्मू कश्मीर की स्थिति के बारे में सवालों का जवाब दे रहे थे। भारतीय थलसेना ने मंगलवार को कहा था कि उसने नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तानी ठिकानों पर दंडात्मक गोलाबारी की जिससे कुछ नुकसान पहुंचा है। सेना की ओर से यह कार्रवाई उसके दो सैनिकों के सिर काटे जाने के कुछ दिन बाद की गयी है। सेना ने सैन्य कार्रवाई का एक वीडियो जारी किया जिसमें वनक्षेत्र में कुछ ढांचों को बार बार की गई गोलाबारी के कारण नेस्तनाबूद होते दिखाया गया है।

नेपाल के प्रधानमंत्री, पुष्प कमल दहल प्रचंड का इस्तीफा, जानिये कौन होगा, अगला पीएम ?