मुंबई, । बंबई हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित क्षेत्रों से पडोसी जिलों और मुंबई पलायन करने वाले लोगों की वास्तविक संख्या के बारे में आज प्रदेश सरकार को तथ्यात्मक ब्यौरा देने को कहा। इसके साथ ही सरकार ने यह भी सवाल किया कि ऐसे सूखाड़ शरणार्थियों के पुनर्वास एवं मदद के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं। न्यायमूर्ति वी एम कनाडे और न्यायमूर्ति एम एस सोनक की पीठ ने सरकार को 10 जून को ब्यौरा देने को कहा। पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया। अदालत ने पिछले महीने मीडिया रिपोर्टों के आधार पर स्वत संज्ञान लिया था। उन खबरों में उन सूखाड़ शरणार्थियों की मुश्किलों का जिक्र किया गया था जो नांदेड़ से पलायन कर मुंबई आ गए थे तथा वे बिना भोजन, पेयजल और आश्रय के थे। सरकारी वकील अभिनंदन वाग्यानी ने अदालत को आज सूचित किया कि ऐसे कुछ लोगों को आश्रय तथा अन्य सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। लेकिन अदालत ने पलायन करने वाले लोगों की वास्तविक संख्या तथा सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का ब्यौरा मांगा। राज्य सरकार ने पहले कहा था कि सूखा प्रभावित जिलों से पलायन कर मुंबई तथा अन्य स्थानों पर जाने वाले लोगों की वास्तविक संख्या के बारे में उसके पास जानकारी नहीं है।