मुंबई, लियो वरादकर के आयरलैंड के अगले प्रधानमंत्री बनने की खबर आने के बाद महाराष्ट्र में स्थित उनके पैतृक वराद गांव में जश्न मनाया गया। लिओ अनिवासी भारतीय के पुत्र हैं और 2015 में उन्होंने समलैंगिक होने की घोषणा की थी। वह आयरलैंड के अगले प्रधानमंत्री होंगे। देश के प्रमुख सत्ताधारी पार्टी ने उन्हें नेता के रूप में चुन लिया। लियो की जड़ें वरद गांव से जुड़ी हैं। सिन्धदुर्ग जिले के अंतर्गत मालवान तहसील के इस गांव की कुल आबादी करीब 3,500 है।
यह मुंबई से करीब 550 किमी दूर स्थित है। अशोक का जन्म मुंबई में हुआ था और देश से एमबीबीएस की डिग्री लेने के बाद वह ब्रिटेन चले गये। इसके बाद वहां उन्होंने एक आयरिश महिला से विवाह कर लिया। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि गांव वालों के लिये लिओ और उनके डॉक्टर पिता केवल एक स्मृति का हिस्सा नहीं है, बल्कि वह वरादकरों से बहुत ज्यादा जुड़े हुये हैं। उन्होंने बताया कि वह लोग डबलिन में जन्मे लियो को अपने गांव बुलाना चाहते हैं, जहां उनके पिता ने दो साल पहले उनके लिये एक घर बनाया था।
वरद गांव के एक बाशिंदे विक्टर डेंटेस ने आज प्रेट्र से कहा, हम लोग दो साल से अशोक और उनकी पत्नी को जानते हैं। उन्होंने कुछ छात्रों की मदद की थी और उनके स्कूलों के लिये किताबें खरीदी थीं। अब हम चाहते हैं कि लिओ एक बार वरद गांव आयें क्योंकि अभी तक उन्होंने अपना पैतृक गांव नहीं देखा है। उन्होंने दावा किया, मैं नियमित रूप से अशोक के संपर्क में हूं। यहां तक कि जब वह घर बना रहे थे, तब हम लोगों ने उनकी मदद भी की थी। 52 वर्षीय स्थानीय निवासी डेंटेस ने कहा, ऐसा नहीं है कि हम लोग लिओ को नहीं पहचानते हैं, लेकिन हमने उनके बारे में बड़े बुगुजरे से सुना है।