नई दिल्ली, पाकिस्तान भले ही भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में फांसी के फंदे लटकाने की कोशिशों में जुटा हो, लेकिन भारत ने इस बीच वाघा बॉर्डर के रास्ते 11 पाकिस्तानी कैदियों को आज रिहा किया। पीएम नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच हाल ही में अस्ताना में अनौपचारिक मुलाकात हुई थी। इसके बाद अब मोदी सरकार ने 11 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया है।
हालांकि पाकिस्तान ने इस मामले में अपना अलग ही बयान दिया है। पाक की ओर से कहा गया है कि इन सभी कैदियों ने अपनी सजा पूरी कर ली है, इसीलिए भारत उन्हें रिहा कर रहा है। लेकिन भारतीय अधिकारियों का कहना है कि सभी पाक कैदियों की रिहाई मानवता के मुद्दे पर की जा रही है। इससे जाधव के मामले का कोई लेना-देना नहीं है।
जाधव का मामला भारत अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट तक लेकर गया है, जहां उसकी फांसी पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। रिहाई के मामले को लेकर भारतीय अधिकारियों का कहना है कि मानवीयता के आधार पर इन कैदियों की रिहाई का कदम उठाया गया है। सरकार को आशा है कि इसके बाद पाकिस्तान भी ऐसे भारतीय कैदियों को रिहा कर देगा जिनकी वहां सजा पूरी हो चुकी है। सरकारी आंकड़ों की माने तो पाकिस्तानी जेलों में 132 भारतीय कैदी हैं।इनमें से 57 अपनी सजा पूरी कर चुके हैं।