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ऊंचाहार में मारे गये पांचों शातिर अपराधी, पूर्व मंत्री मनोज पाण्डेय ने रचा खेल-स्वामी प्रसाद मौर्य

कुशीनगर, रायबरेली के ऊंचाहार में पांच लोगों के मारे जाने की घटना को लेकर श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होने कहा है कि घटना में मरे सभी पांचों शातिर अपराधी थे, वे प्रधान की हत्या के उद्देश्य से गांव में गए थे, जहां ग्रामीणों के कोपभाजन का शिकार हुए। उन्होंने  कहा कि सपा के पूर्व मंत्री मनोज पाण्डेय ने पूरा खेल रचा है।

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कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य  बृहस्पतिवार को पटहेरवा थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर गांव स्थित हनुमान मंदिर व क्षीरसागर पोखरे को देखने गए थे। कैबिनेट मंत्री ने  मंदिर परिसर स्थित क्षीर सागर पोखरे के विषय में जानकारी ली और उसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कराने का आश्वासन दिया। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हत्या चाहे किसी की हो, वह दु:खद होती है। ऊंचाहार की घटना पर कुछ जाति वादी सोच वाले लोग गंदी राजनीति करने में लगे हैं।  

 स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि रायबरेली के ऊंचाहार में की घटना में मारे गए पांचों लोग अपराधी थे। इन पर विभिन्न थानों में आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। पिछली सरकार ने इन पर कोई कार्रवाई नहीं की थी, जिससे उनका मनोबल बढ़ा था। घटना के दिन जब इन्हें भीड़ ने खदेड़ा तो भागने के दौरान इनकी गाड़ी पलट गई और पांचों लोग भीड़ का शिकार हो गए। मौर्य ने कहा कि रायबरेली के ऊंचाहार में घटना का कुछ जातिवादी सोच वाले लोग विरोध करे हैं।

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स्वामी प्रसाद मौर्या ने सपा के पूर्व मंत्री मनोज पांडेय पर पूरा खेल रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मारे गए पांच लोग शूटर थे। गाँव वालों ने हत्यारों को सजा दी है। उन्होंने आगे कहा कि पूरा खेल पूर्व मंत्री मनोज पाण्डेय ने रचा है।

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 प्रतापगढ़ का रहने वाला पूर्व प्रधान रोहित शुक्ल इटौरा बुजुर्ग से प्रधानी का चुनाव लडऩा चाहता था, प्रधानी के चुनाव को लेकर रोहित की वर्तमान ग्राम प्रधान रामश्री के बेटे राजा यादव उर्फ विजय बहादुर से रंजिश हो गई। ईद के दिन, वह अपने छह साथियों के साथ सफारी गाड़ी से प्रधान के घर इटौरा बुजुर्ग गांव के मजरा आप्टा पहुंचा।

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सूत्रों के अनुसार,  वहां उसके साथियों ने हवाई फायरिंग की और प्रधान के घरवालों को ललकारा। इसी बीच गांव के लोग एकत्रित हो गए और रोहित व उसके साथियों को मारने के लिए दौड़ा लिया। गांव वालों को अपनी ओर आता देख सभी गाड़ी पर सवार होकर हाईवे की ओर भागे लेकिन, रास्ते में उनकी कार बिजली के खंभे से टकराकर पलट गई।

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 कार पलटने से रोहित व बृजेश शुक्ल गाड़ी में ही फंसे रह गए। जबकि अनूप मिश्र, अंकुश मिश्र, नरेश शुक्ल, देवेश शुक्ल व वीरू पांडेय कार से निकलकर भागने लगे। गांव वालों ने अनूप, अंकुश और नरेश को पकड़ लिया और खेत में ही पीट-पीटकर मार डाला। भीड़ ने पेट्रोल डालकर गाड़ी में आग लगा दी, जिसमें रोहित व बृजेश जिंदा जल गए। देवेश और वीरू ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई।