नई दिल्ली, कौशल और प्रतिभा विकास के क्षेत्र में प्रशिक्षण उपलब्ध कराने वाला राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईआईटी) अब भारतीय विश्वविद्यालयों में डिजिटल रूपांतरण में नेक्स्ट जेनरेशन कोर्स प्रस्तुत करेगा। इसके लिए एनआईआईटी दुनिया भर में चलाये जा रहे एनआईआईटी इनसाइड कैम्पस मॉडल को देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में लागू किया जायेगा।
इसके अन्तर्गत डिजाइन थिंकिंग, क्लाउड स्टेक, इंटरनेट ऑफ थिंग्स स्टेक, ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स और वर्चुअल रियलिटी और साइबर-सिक्योरिटी प्रोग्राम लाये जायेंगे। ये प्रोग्राम कॉलेजों के पाठ्यक्रम में इस प्रकार समावेषित किये जाएंगे जिससे छात्रों को तेजी से विकसित होती डिजिटल अर्थव्यवस्था के अनुरूप उपयुक्त कौशल विकास सिखाने के अवसर मिल सकें।
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन के अनुसार देशभर के तकनीकी संस्थानों से ग्रेजुएट करने वाले 60 फीसदी इंजीनियर बेरोजगार हैं। देश में तकनीकी कॉलेजों के मानकों में बड़ी भिन्नता है। जिसके चलते ज्यादातर ऐसे ग्रेजुएट तैयार हुए जिन्हें रोजगारपरक शिक्षा नहीं मिल पायी। जबकि 1.4 मिलियन से अधिक स्कूलों, 227 मिलियन से अधिक नामांकित छात्रों, और 36,000 से अधिक उच्चतर शिक्षा संस्थानों के साथ भारत वैश्विक शिक्षा उद्योग क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है।