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गुजरात के कांग्रेसी विधायकों ने की सोनिया से मुलाकात

 

नई दिल्ली,  राज्यसभा चुनाव में खासे संघर्ष और उठापठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को मिली जीत के बाद पार्टी में खासी सक्रियता दिखाई दे रही है। इसी सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सोमवार को गुजरात के पार्टी विधायकों ने मुलाकात की। सभी विधायकों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर जाकर मुलाकात की। इस दौरान गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने बताया, 4-5 सितंबर से गुजरात में कांग्रेस का प्रचार अभियान शुरू हो जाएगा।

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 उन्होंने बताया कि गुजरात में मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित नहीं किया जाएगा। साथ ही सोलंकी ने यह भी कहा कि ये चुनाव गुजरात के स्थानीय नेता और बीजेपी के बीच होगा। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गुजरात कांग्रेस के नेता कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात करेंगे। गुजरात राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल की जीत से गदगद कांग्रेस की नजर अब विधानसभा चुनाव पर है। इस संबंध में गुजरात कांग्रेस के विधायक आज दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करने पहुंचे हैं।

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 इन दोनों से मुलाकात के अलावा ये सभी विधायक गुजरात राज्यसभा चुनाव में जीत से गदगद अहमद पटेल से भी मिलेंगे और उनका जन्मदिन मनाएंगे। बताया जा रहा है कि बैठक में विधायकों और पार्टी आलाकमान के बीच विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा की जाएगी। साथ ही सभी विधायक पार्टी आलाकमान से राज्यसभा चुनाव के तजुर्बे भी साझा करेंगे। इसके लिए सभी 43 विधायक दिल्ली पहुंचे हैं। कांग्रेस हाईकमान और गुजरात विधायकों की बैठक बेहद अहम मानी जा रही है।

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 कांग्रेस संगठन की अंदरूनी लड़ाइयों से जूझ रही है। पार्टी के पास 57 विधायकों में से महज 43 बचे हैं। शंकर सिंह वाघेला जैसे वरिष्ठ नेता कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा के पाले में चले गए हैं। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस गुजरात की सत्ता से पिछले 22 सालों से बाहर है। 1995 में भाजपा ने पहली बार गुजरात में सरकार बनाई थी। इसके बाद राजनीतिक घटनाक्रम में उतार-चढ़ाव के बीच 1966-1998 के बीच आरजेपी की सरकार रही।

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 कांग्रेस इस सरकार का हिस्सा थी। हालांकि, 1995 के बाद कांग्रेस कभी अपने दम पर सत्ता नहीं पा सकी। मगर, इस बार हालात थोड़े जुदा हैं। नरेंद्र मोदी और अमित शाह केंद्र की राजनीति में हैं। साथ ही भाजपा के समर्थक रहे पाटीदार आरक्षण के नाम पर विरोध का बिगुल फूंक चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस आगामी चुनाव में अपनी जमीन बचाने की हर मुमकिन कोशिश करना चाहेगी।

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