नई दिल्ली, बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी का दावा है कि वह मौजूदा समय में अभिनय के मामले में सबसे ज्यादा पैसा पाने वाले अभिनेता हैं और उन्होंने इसके लिए फिल्म निर्माताओं को धन्यवाद दिया। आज रात इंडिया टीवी पर प्रसारित होनेवाले रजत शर्मा के शो आप की अदालत में सवालों का जवाब देते हुए सिद्दीकी ने कहा- जहां तक अभिनय का सवाल है मैं इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा पैसा पानेवाला अभिनेता हूं। मुझे बोलने की जरूरत नहीं पड़ी, मुझे उन्होंने खुद ही देना शुरू किया। लेकिन हॉलीवुड के बारे में सिद्दिकी ने कहा, मुझे नहीं पता हमारे यहां हॉलीवुड फिल्मों को लेकर एक हीनता की भावना क्यों है। हमारे यहां माना जाता है कि अगर आप हॉलीवुड में फिल्म कर लेते हैं तो यू आर बिग…वैसा हो जाता है।
पता नहीं हमें अपनी फिल्म पर प्राउड सा फील नहीं होता है, हम पावरफुल कंट्री को देखते हैं तो हम थोड़ा इन्फीरियर महसूस करते हैं कि हमारी फिल्में शायद इस लेवल की नहीं हैं। लेकिन इस वक्त हमारी जो फिल्मे हैं हमें प्राउड फील करना चाहिए कि वर्ल्ड में हम बहुत अच्छी फिल्में बना रहे हैं। अभी कंटेन्ट भी आ गया है फिल्में में ..हर आदमी चाहता है कि मैं ह़ॉलीवुड की फिल्में करूं। आई डॉन्ट नो क्यों ऐसा कॉम्प्लेक्स है, समझ में नहीं आता। हमारे यहां बहुत अच्छा काम हो रहा है। नवाजुद्दीन ने साफ तौर पर माना कि वह फिल्मों में डांस नहीं कर सकते।
डांस-वांस नहीं हो पाता मेरे से, मैंने कभी रियल लाइफ में डांस नहीं किया, इसलिए मेंटल ब्लॉकेज बहुत है डांस करने को लेकर.. आजकल थैंक गॉड.. डांस वाली फिल्में ज्यादा चल नहीं रही। जो कंटेन्ट वाली फिल्में हैं वो ज्यादा चल रही हैं। उनकी सह-कलाकार चित्रांगदा सिंह के फिल्म बाबूमोशाय बंदूकबाज से बाहर निकलने पर, सिद्दीकी ने कहा, उन्होंने फिल्म तब छोड़ी जब हम आधी शूटिंग पूरी कर चुके थे। हमारे डायरेक्टर चाहते थे कि थोड़ा किसिंग-विसिंग और हो, तो उन्होंने कहा कि बहुत हो गया इससे ज्यादा मैं नहीं कर पाऊंगी, तो वो चली गयीं।
अभिनेता ने कहा, 48 कट मिले थे हमें बट फाइनली ट्रिब्यूनल के पास गए और 8 माइनर कट्स के साथ पास हुए, वो सारे सीन जिनकी मैं बात कर रहा था वो ज्यों के त्यों है। 18 साल से कम वाले लोग फिल्म देखने न जाएं। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने माना कि शुरू में किसिंग सीन के समय वह असहज महसूस करते थे। अनकम्फर्टेबल हो जाता हूं एक्चुअली, लेकिन सीन करते-करते अच्छा भी लगने लगता है, सॉफ्ट-सॉफ्ट सा अच्छा लगता है। नवाजुद्दीन ने बताया कि कैसे गैंग्स ऑफ वासेपुर की शूटिंग के दौरान उन्होंने अपनी सह-कलाकार हुमा कुरैशी की शिकायत की थी।
उन्होंने कहा- गैंग्स ऑफ वासेपुर में जो हिरोइन हुमा कुरैशी थी, हमें एक रोमांटिक सीन करना था, तो उसने कहा, नवाज भाई हम ऐसे-ऐसे देखेंगे, फिर मैंने अनुराग कश्यप से कहा .. ये तो मुझे भाई बोल रही है.. रोमांटिक सीन कहां कर पाऊंगा। नवाजुद्दीन ने भारतीयों में आम तौर पर गोरेपन के प्रति आकर्षण का जिक्र किया। उन्होंने कहा, हमारी ही फिल्म के कास्टिंग डायरेक्टर ने कहा था कि नवाज के सामने किसी हैंडसम और फेयर को कास्ट करना कुछ अजीब -सा है, तो मैंने जवाब में लिखा कि इसका मतलब ये हुआ कि मैं डार्क हूं। आई एम नोट ए गुड लूकिंग गाय, लेकिन इन सब चीजों पे मैं फोकस नहीं करता हूं।
पहले कॉन्फिडेंस नहीं था इस चीज में, अब तो कॉन्फिडेंस है ..मुझे तो अच्छा तब लगा जब मैं बाहर जाता हूं तो हमें तो खूबसूरत माना जाता है। वहां दस्की लोग खूबसूरत माने जाते हैं, और जब हम यहां आते हैं तो हमें झेलना पड़ता है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह सांवले रंग के बारे में भारतीयों की आम धारणा को तोड़ने में कामयाब हो पाए हैं, सिद्दिकी ने कहा, मुझे खुशी भी होती है और मैं उन लोगों को भी बताना चाहता हूं, जो मेरी तरह डिप्रेस्ड रहे होंगे कलर को लेकर, कि वे भी इस चीज पर ध्यान न दें क्योंकि कलर से कुछ नहीं होता, अल्टीमेटली आपके काम से होता है और आपकी ब्यूटी जो होती है, वह आपके अन्दर ही कहीं न कहीं होती है।
अपने गृहनगर में रामलीला में काम करने की इच्छा को लेकर पैदा हुए विवाद के बारे में नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने कहा, मेरे गांव में 99 पर्सेंट चाहते थे कि मैं रामलीला करूं, हर तबके के लोगों ने मुझे सपोर्ट किया। चूंकि मैं रामलीला देख कर ही बड़ा हुआ और कहीं न कहीं मुझे ऐक्टिंग की प्रेरणा भी रामलीला देख कर मिली। हमारे यहां जब रात 2 बजे तक रामलीला चलती है और हम देखकर लौटते थे, तो मेरे फादर कभी नहीं बोलते थे कि इतना लेट क्यों आया। उनको पता था कि कोई अच्छी चीज देखकर आ रहा है। रामलीला में बहुत अच्छी-अच्छी बातें बताई जाती हैं, संस्कारों की बातें बताई जाती हैं, कल्चर्ड होने की बातें बताई जाती हैं, अदब के बारे में बताया जाता है।
नवाजुद्दीन ने कहा कि उनकी महात्वाकांक्षा फिल्मों में अजीबोगरीब रोल निभाने की है। उन्होंने कहा, जब मैं गैंग्स ऑफ वासेपुर करने के बाद अपने घर गया तो मेरे दोस्तों ने कहा कि अब आया न शेर का बच्चा। उनका फिल्मों को देखने का नजरिया कुछ दूसरे तरीके का है। ऐक्टर वही जो पीटता है लोगों को, जबकि इससे पहले के रोल्स में मैं लोगों से पिटता था। अभी मेरा नजरिया तो तैयार ही नहीं हुआ। लेकिन मेरा मन करता है कि मैं बड़ा अजीबोगरीब सा एक रोल करूं, अपने रोल को लेकर कोई फिक्स्ड इमेज न बनाऊं।