किसकी मजाल जो छेड़े इस दिलेर को, गर्दिश में घेर लेते हैं कुत्ते भी शेर को…
October 8, 2017
नई दिल्ली, यह बात तो सच है कि बिहार के पूर्व सीएम व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का खराब समय चल रहा है। जिसके कारण सत्ता के इशारे पर सीबीआई, ईडी आदि एजेंसियों के वह चक्कर लगा रहें हैं। लेकिन ये भी सच है कि आने वाला समय उनका सुनहरा है। क्योंकि जैसे-जैसे शासन सत्ता का प्रकोप उनपर बढ़ता जा रहा है, जनता मे उनकी लोकप्रियता मे भी उससे कहीं तेज गति से इजाफा हो रहा है।
लालू प्रसाद यादव की लोकप्रियता केवल बिहार तक सीमित नही है। पूरे भारत मे लोग उनके जुझारू व्यक्तित्व के दीवानें हैं। 5 अक्टूबर को सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन मे सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान ने मंच से उनके संघर्ष की न केवल तारीफ की बल्कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव को लालू प्रसाद यादव से सीख लेकर उनकी तरह ही चलने की हिदायत भी दे डाली।
किसकी मजाल है जो छेड़े इस दिलेर को, गर्दिश में तो घेर लेते हैं कुत्ते भी शेर को..।
उपयुक्त पंक्तियों को पूरी तरह चरितार्थ करते है लालू यादव।
परसों जदयू के कुछ छुटभैये नेता का बयान सुनकर मन ही मन खूब हंस रहा था मैं। उन्हे शायद लग रहा था कि लालू यादव शायद सीबीआई के समक्ष हाजिर नहीं होंगे। फिर सीबीआई उन्हें गिरफ्तार कर लेगी। पर वो बेचारे तो अपने मालिक का हुक्म बजाते है, मालिक कंही नाराज न हो जाये इसके लिए रह रह कर उनको बोलते रहना पड़ता है।
आज लालू यादव सीबीआई के सामने अपनी बात रख कर आ गए। बेचारे जद यू नेताओ के न तो कोई ट्वीट देखने को मिले न ही कोई बयान आया। बेवकूफो लालू यादव को समझना इतना भी आसान नहीं है। वह खुद एक वकील भी है। उन्हें पता है सीबीआई क्या क्या कर सकती है। मैं तो बहुत खुश हूं कि लालू यादव दो बार सम्मन के बाद नहीं गए। जाते भी क्यों । सबको पता है सीबीआई किसके इशारे पर उन्हें परेशांन कर रही है।
परेशांन करना सीबीआई को ही नहीं आता है लालू भी सब जानते है कि जैसे को तैसा जवाब कैसे दिया जाता है। यही कारण था कि लालू यादव दो बार सम्मन के बाद तीसरी बार में हाजिर हुए। लालू यादव को घेरने के लिए आर एस एस की भाजपा सरकार अपने तोता मैना कुत्ता सब लगा रखी है।
यहां तक की कुछ मीडिया संस्थाने भी पालतू जैसे व्यव्हार करने लगी है। पर लालू तो लालू है। उनके असीम धैर्य के लिए हम उन्हें धन्यवाद देते है। निश्चित तौर पर यह लालू ही है जो इतनी विषम परिस्थतियो में भी नहीं झुकते है, कोई और होता तो कब का टूट जाता। अपने नितीश कुमार जी तो बस एक ही धमकी में डीएनए तक का ख्याल नहीं रखा।
लालू एक अकेले ऐसे नेता है देश के ज़ो मोदी की तानाशाही से डरे नहीं, लड रहे है। डरपोक तानाशाह जब लोकतांत्रिक तरीके से जीत नहीं पाया तो नितीश कुमार से समझौता करके सीबीआई को हथियार बना लिया है। सीधे लड़ने की हिम्मत नहीं है उनमें। आज यदि चुनाव लड़ने कि इजाजत मिल जाए न्यायालय से तो प्रधानमंत्री के उम्मीदवारी मे इनके सामने अच्छा- अच्छा हिल जायेगा।
लालू यादव गरीब ,दलित,वंचित ,शोषित वर्ग के लिए किसी मसीहा से कम नही हैं।
लालू जी ने सामाजिक न्याय की लड़ाई के लिये जो कुर्बानिया आपने दी है, गरीबों दलितों पिछड़ो अकलियतों को जो मान सम्मान दिलवाया है आपसे पहले कोई वैसा क्यों नहीं हुआ, बिहारवासी इसके लिये सदैव आपके ऋणी रहेंगे। आपने ने जो लोगो को शिक्षा के लिए अपनी हर सभा से लोगो को प्रेरित करने का काम किया था अब उसका फल देखने को मिल रहा है। नये युवा पीढ़ी को इसका सबसे अधिक लाभ मिल रहा है।अब वो हर क्षेत्र में खुद को साबित कर रहे है।
फिलहाल आप से सत्तापक्ष काफी डरा हुआ है। इसलिए रोज रोज नए नए छल प्रपंच का सहारा ले रहा है। ऐसे में आपका अपने पुराने स्टैंड पर कायम रहने का बिहारवासी कायल है। अच्छे को बुरा साबित करना दुनिया की पुरानी आदत है। पर आप जैसा नेता कभी कभी मिलता है जमाने को, आप हौंसला बुलंद रखें बिहार जनता आप के साथ है। जनता जानती है कि द्वेष और ईर्ष्या वस आप को टारगेट किया जा रहा है और आप हैं कि मानते नहीं! हम लोग आपके लिए ज्यादा कुछ नहीं तो वोट तो कर ही सकते हैं और गरीबों का वोट आप को ही मिलेगा। अमीरों के नेता तो बहुत हैं, गरीबों कमजोरों के नेता तो लालू यादव हैं। वो आप को जितना ही झुकाने की कोशिश करेंगे आप उतनी ही मजबूत हो कर आगे बढेगें। वो जानते हैं कि वर्तमान समय में उनके ईंट का जवाब पत्थर से लालू यादव ही दे सकते हैं इसलिए लालू यादव को दबाओ बाकि सब तो वैसे ही हार मान लेंगे। आपका स्टैंड बिल्कुल सही है आप धर्म के रास्ते पर चल रहे हैं विजय आपकी ही होगी। कुछ लोग थोड़ी समय के लिए सीबीआई का दुरुपयोग कर खुश हो सकते है पर इससे क्या आप उनकी छाती पर मुंग दलना जारी रखिये।
जय राजद जय जय बिहार।
कल लालू जी के सीबीआई के समक्ष पेश हो कर आने के बाद लोगो का जो उद्गार उनके पक्ष में उमड़ रहा था उसी पर आधारित यह लेख।